पानी पड़े पत्ता हिले | Pani Pade Patta Hile

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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भूमिका पंद्रह पानी पड़े पत्ता हिले अपने आप में पूर्ण होते हुए भी मेरे देश मिट्टी और मनुष्य नामक एपिक उपन्यास का प्रथम खंड है। इस उपन्यास का घटनाकाल सन्‌ 199? से सन्‌ 1926 के बीच का है। इसमें वर्णित सभी चरित्र कल्पित हैं। फिर भी यदि किसी के साथ इस उपन्यास के किसी चरित्र का सादृश्य दिखाई पड़े तो इसे नितांत दैव-संयोग माना जाए लेखक का ऐसा कोई अभिप्राय नहीं है। वराहनगर 25 वैशाख 1367 बंगाब्द -गौरकिशोर घोष




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