भारत का संविधान | Bharat Ka Samvidhan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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५ भारत का संविधान - 9 - ` देका ने.महान . उत्साह के-साथ. गांधीजी का साथ दिया। ` पुलि मे वदे - जोर से दमन:आरम्म किया, परन्तु जनता: का उत्साह भंग नहीं हुआ। देश के . बहुत से. भागों, में. सरकार का शासन समाप्त हो गया और बड़ी सुझ्किल से फिर से : स्थापित हो पाया। सेनिक शासन और अध्यादेशों ( 070120९5 } की , भरमार हो गई! कईं स्थानों पर पुलिस ने निहत्थे जनसमूहों पर गोलियां . चरसादे । आंधी की तरह देश भर में आन्दोलन छा गया। गांधीजी ५ লই को गिरफ्तार कर लिये गये और जन के महीने में कांग्रेस गर कानूनी 'घोषित कर दी गई । व | - না पहिली गोलमेज सभा का अधिवेशन लंडन मेँ १२ नवम्बर्‌ सन्त १९३० मं आरम्म हुआ। कांग्रेस ने इस अधिवेशन में भाग नहीं लिया। इस सभी के अधिवेशन का अन्त १९ जनवरी सन १९३१ में हुआ 1 सरकार इस वात को महसूस कर रही थी कि कांग्रस के साथ किसी न किसी ; प्रकार कां समझौता आवश्यक है । इसलिये गांधीजी तथा कार्येसमिति के सदस्य छोड दिय गये । कये समिति ने गौँधीजी को वाइसराय के साथ सममौता सम्बन्धी वातचीत करने का अधिकार दिया। गांधीजी की वाइसराय के साथ चहुत . लम्बी वार्ता कई दिनों तक चरती रही और अन्त में प्रसिद्ध रगाधी-दरविन , सममौता हा 1 समोते में तीन शर्ते प्रधान थीं। एक तो कांग्रेस सत्याग्रह आन्दोलन वन्द्‌ करदे। दूसरे सब राजनेतिक वन्दी छोड दिये जाये जौर ! ` तीसरे काग्रेस गोलमेज समामे भाग ठे। ४८ कु . 3 अयस्त सन्‌ १९३१ के अन्त में गांधीजी ग्रोलमेज सभा में भाग लेने के- लिये इंग्लेंड गये और दिसम्बर के महीने म वहां से वापिस आये । गांधीजी के वापिस ` लौटने के पहिले ही भारत सरकार ने उत्तर-प्रदेश, .पश्िमोत्तर सीमाप्रान्त ओर ¦ चंगाल से द्मन-नीति आरम्म कर दी थी। इसलिये वाध्य होकर गांधीजी को फिर से सत्याग्रह आन्दोलन आरम्भ करना पड़ा। जनवरी सन्‌ १९३२ में. वे फिर ` गिरफ्तार कर लिये गये.। हु -, -अयस्त सने १९३२ में ब्रिटिश सरकार ने “साम्प्रदायिक समझौते ( (2071- प्व] -4 पण्छप्त्‌ ) की.घोपणा की 1 . इससे दुखी होकर गधीजी ने आमरण




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