मुहब्बतनामा | Muhabbatnama
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
178
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)এপ काम कार कान লী শা
सकती है। और इस तरह कोई इंसान आशिक ये रूप में--शिसी
इंसानी मूरत में से खुदा का दीदार पा तेता है ।
यह सिर्फ मुहब्बत होती है--जिसकी शकित के आगे समाज बी
` रीतियो भौर परम्पराओं में सिपरे हुए छोटे-छोटे विचार, सचमुच वहूत
छोटे और बीने हो जाते हैं। और जिसके লামন- লী, লহলী আয
मजहबो के कायदे-कानून--वाल-पोवधियों जैसे हो जाते हैं ।
पंजाब के एक लोकगीत थी एक पक आशिकों वे वेदे मौर
कुरान के: समान हैं---/दशक आहंदा--मेरा शौफ वलिया नू, जिहनूं
हारी मारी की जाणे”! और ऐसे जब कोई इंसान वली बनते हैं, हव
सीर सच या कलमा वहीं पढ़ने हैं। तब उनमे से ने विसीया मन
दूसरे के मत से झूठ वोल सहता है, न॑ किसीवा तन किसीके तने से
मूठ बोल सकता टै
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जाने
हक का कतमा आशिक पढ़ते १३
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