मछुआरे | Machhuaare
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
39 MB
कुल पष्ठ :
250
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)डे
१० मछुआरे
सन्तुष्ट न होकर चक्की ने आगे कहा, “ऐसा ही है तो लड़की को
बाँधकर समुद्र में फंक देना अच्छा होगा ।
चेम्पन ने फटकारा, ''धत तेरे की। ''
यह नाव और जाल सब किसके लिए!
चेम्पन ने जवाब नहीं दिया ।
चक्की ने सुझाया, “उस वेल्लमणली वेलायुधन के बारे में क्यों
नहीं सोचते ?
“नहीं, वह नहीं चाहिए ।”
“क्यों, उसमें क्या कमी है ?
“बह सिफं एक मल्लाह है, मामूली मललाह ।'
तब बिटिया के लिए मल्लाह नहीं तो और किसे लाने जा रहे हो ?”
इसका कोई जवाब नहीं था । ः
माँ की यह बात कि कोई विधर्मी बेटी को कुमाे में ले जायगा; करुत्तम्मा
के कानों में गूंज गई । लेकिन उसके बाप को उसका पूरा मतलब समझ
में नहीं आया । करुत्तम्मा का कलेंजा धक्-धक करने लगा, मानों फट
जायगा । विधर्मी ने क्या उस समय भी उसे कुमागं की ओर खींच नहीं
लिया था !
बम्सलाार वास
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