ऋग्वेद द्वितीय मंडल का आलोचनात्मक अध्ययन | Rigwed Ke Dwitiya Mandal Ka Alochanatmak Adhyayan

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Rigwed Ke Dwitiya Mandal Ka Alochanatmak Adhyayan by जया दुबे - Jaya Dubay

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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अष्टक -क्रम - मण्डल क्रम शाखाभेद के कारण ऋग्वेद के विभाग उपलब्ध होते है अष्टक क्रम और मण्डल क्रम अष्टक क्रम मे -अष्टक, अध्याय, वर्ग, मन्त्र (ऋचा) रूप मे ऋग्वेद का विभाजन किया गया है, जबकि मण्डल-क्रम मे मण्डल, अनुवाक, सूक्त, मन्त्र ऋचा) के रूप मे विभाजन है | अष्टक - क्रम अष्टक अध्याय वर्ग मन्त्र (৭) इनमें बालखिल्य के १६ वर्ग सम्मिलित हैं। खिल का अर्थ होता है शेष (बचा हुआ)




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