अध्यात्म पदावली | Adhyatma-padawali
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
41 MB
कुल पष्ठ :
401
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)१६ अध्यात्म-पदावली
को जाने किहलि बार काल की धार अचानक आन परे ,
जिन राज चरन मन ¡ लतं बिसर ॥
कितने सीधे शब्दोंमें कितनी गहरी बात, किस प्रभावपूर्ण ढंगसे
कह दी है) कितना प्रसाद है इन पंक्तियोमें। (कौन जानता है कि
कालका दुधारा किसर समय अचानक ही गदेन पर आ गिरे!
भक्ति-भावनाके अतिरिक्त प्रस्तुत पदावलीका प्रायः तीन चौथाईं
भाग एसे आध्यात्मिक पदोका है जिसमें व्यक्तिको आत्मज्ञान, विवेक
और वीतराग-अवस्था प्राप्त करनेको प्रेरित किया गया है। यह उपदेश
अवश्य है, पर ऐसा उपदेश जिसके पीछे कवियोंका अनुभूत जीवन-दर्शन
है। इन पदोंकी प्रेरणाका प्रभाव इस बातमें है कि इनके कवि अडिग
विश्वास और श्रद्धासे स्वयं प्रेरित हें । किस-किस ढंगसे, किन-किन
तकसि, किन-किन सम्बोधनोंसे--दुलार कर, समझाकर, लछताड़कर,
लानत भेजकर, सब तरहसे--वे श्रोताके हृदयमें अध्यात्म-तत्त्व जगाना
चाहते ह । कितनी करणा है इन कवियोके उरमें। कैसी मिश्री-सी
मीठी ओौर कंसी तीर-सी सीधी ह इनकी बातें ।! ओर आत्मीयता इतनी कि
जसे सारा पद आपके लिए, केवल आप के लिए, रचा गया हौ ।
अनेक पदोकी प्रथम पंवितमे ही यहं मनुहार ओर दुलार देखिये --
मान ले या सिख मेरी।
छांडि दे था बुधि भोरी।
रे मन ! कर सदा संतोष ।
ऐसा काज़ न करता हो।
विपत्ति में धर धीर रे नर!
देखो भाई ! महा विकल संसार ।
देखिए, यह खीज और झुंझलाहट, छेकिन कितनी आत्मीय :--
तोहि समझायो सो सो बार ।
तु तो समञ्च समझ रे भाई |
चेतन तोहि न नेकः संभार)
User Reviews
No Reviews | Add Yours...