ओझा निबंध-संग्रह भाग - 1 | Ojha Nibandh Sangrah Bhag - 1

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Book Image : ओझा निबंध-संग्रह भाग - 1 - Ojha Nibandh Sangrah Bhag - 1

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( ५) (१६) कलिंग - ॥इलोक।। जगन्नाथात्पू्ष भागे कृष्णा तीरान्तगं शिवे । कलिग देशः संप्रोक्तो वाममा्गं परायणः ।१॥ अर्थ--जगन्नाथ से पूर्व दिशा में कृष्ण नदी के तीर तक को कलिग देश कहते हे । यहां जगन्नाथ से पूर्व भाग मं होना सभव नही, क्योकि वहां पर समुद्र हु । इसके लिये जॉन उानसन अपनी किताब {हद्‌ माइथोलांजी' मं कारोमण्डल कोस्ट के समीप का प्रात लिखते है, जो उडीसा के दक्षिण का गोदावरों नदी तक का देश हो सकता है, जिसको उत्तरी सरकार भी कहते हे। इस देश को कॉलिंग देदा के क्षत्रियों के निवास से कलिग देद्ा कहते थे । (१७) कश्मीर - अब भी इसी नाम से प्रसिद्ध हं, जिसको काइमीर कहते हे । (१८) कामरूप - इस देश को इस समय कांगरू देश कहते हे, जिसकी राजधानी प्राग्‌- ज्योतिष थी । अब यह देश आसाम में गिना जाता हें । (१९) कालवन- (२०) कुन्तलछ- ॥लोक।। कासगिरि समार+य द्वारकान्त महश्वरि । श्री कुन्तलाभिधो देशे वर्णित शक्ति संगम ॥1१1॥ अर्थे---कामगिरि से लेकर द्वारिका तक, हे पावंती | कुन्तल नामका देहा शक्ति संगम तन्‍त्र में कहा हे ॥१॥। अग्नेजी पुस्तको में महाराष्ट्र को दक्षिणी हिस्सा लिखा है, जिसकी राजधानी प्रतिष्ठानपुरी (पंठण) थी । पीठे से कल्याणी (कल्याण) मं राज्य करने वाले चौलुक्य अपने को कुन्तल देश के राजा मानते थे ।* सम्पादकीय टिप्पण वतलाया गया है, कितनी आय वाला 'राजा कहलाता था और कितनी आय वाला सामन्त' आदि | वबरदा तनन्‍त्र की रचना के समय सम्भव हें, राज्यों की गणना इस प्रकार से करते हा, परन्त्‌ अधिकाशत* इसके अनुसार राज्यों की गणना रहना प्रतीत नहीं होता हैं । * वर्तमान निजाम हेदराबाद राज्य का कुछ हिस्सा 'कुन्तल देश” का एक भाग हो सकता हैं । एवं बम्बई का स्गरा इलाका कल्याण कहलाता था।




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