पार्वती | Parvati
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9 MB
कुल पष्ठ :
590
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)मङ्लाचरण
श्रीशिव के पद-पद्मों में रत रज-सा हो मन भेरा;
हो पराग से पूत सुमन-सा पूजा-हिंत तन मेरा;
चरण-प्रभा से दीप्त सब्छ दो चरम चेतना मेरी,
परा पूर्णिमा से मरिडिव হী निकल अमा ऑपेरी।
आत्मा के आलोक-पूर से भ्योतित उर-मन्दिरे हौ ,
करुणा के शद आई ह॒सों से सिंचित स्वच्छ अजिर हो ,
खुलें पटों-से बन््च हवय के शुक्त ॒वत्व-दशेन को ,
हों स्वरुप-साकार देवता पुण्य प्राण -बन्दन को।
सजग आरती के दीपक-सा स्नेह-पू्णं जीवन হী,
भाव-असुर्नों की सुषमा से युत अर्चा-सा मन हो;
श्न्तर आ स्वर कम्बु-कण्ठट का गुखित अभिवन्दन हो +
चरण-कृपा से पूत दों का जल उ्श्वल अर्चन हो।
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