बुद्ध और महावीर तथा दो भाषण | Buddha Aur Mahaveer Tatha Do Bhaashan
श्रेणी : जैन धर्म / Jain Dharm, हिंदू - Hinduism
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लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4.2 MB
कुल पष्ठ :
160
श्रेणी :
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जमनालाल जैन - Jamnalal Jain
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)मद्दाभिनिष्क्रमण
१. जन्म १
पु
* तिरृंतर जठती हुई अनिमें केसा आनंद और हास्य?
अंधकार में भठकने वालो, भला दीपक क्यों नहीं शोधते
लगभग पच्चीससी वर्ष पूवे दिमालय की तलद्टीमें 'चंपारण्यके
उत्तरमें, नेपालकी तराई में कपेलवस्तु नामक एक नगरी थी | शाक्य
कुलकें क्षत्रियोंका वददा एक छोटासा मद्ाजनसत्ताक राज्य था | शुद्धोदन
नामक एक शाक्य उसका अध्यक्ष था । उसे राजा कहा जाता था।
इुद्दोदनका विवाद गीतमर्वश की मायावती और महदाप्रजापति नामक दो
हुआ था | मायावतीको एक पुत्र हुआ, लेकिन प्रसव के सात
दिन वाद दी उसका स्वर्गवास दो गया । दिशुके पालन का भार मद्दाप्रजा-
पति पर आ गया | उसने दिजुका पालन अपने पुत्रकी तरद किया । उस
बालकने मी उसे अपनी सगी माँके समान समझा | इस वालक का नाम
लिंद्धार्थ था । थी
१, कोनु दाठी किमानन्दो निच्चं प्जालिते सति ।
अन्घकारेन ओोनद्धों () पदीप॑ नगवेसथ ॥
र. इसी कारण बुद्ध घाक्य और गौतम मानिके नामसे भी प्रातिष्द हैं |
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