पुराण साहित्य एवं श्रीमदभागवत | Puran Sahitya Awam Srimadbhagawat
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
18 MB
कुल पष्ठ :
296
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)কই
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निर्माण हुमा ; भाश के पच्छाएश था पेशारनिक-विवेबरना प्रस्तुत करते बाले ये प्रथम प्रथ
हैं। इन्हे श्रित्य भा जटः जाता হি प्रृंदक-प्रथक् वेदिक सहिताश्ोों के पृथकू-पृथरू
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प्रक्ष्य ह; बार्मकाशइ कर शाम তাস काने के लिए कल्यसओों का प्रशयन हुआ ! प्रवाक्त
शतमुण, शृद्धासंत्र एव নখ ही| बनप्नत्न अहम रे हैं। व्याक्रमा का उद्देश्य शब्द-रपों
९
भरी बाते करो को भूद्ध जान प्रात करवा है! पराशिति का अष्टाध्यायी व्याकरण
विद्या विश्रत हूँ किस বানি मे भी एव बाहर ग्न्यों के काल में ही ब्याकरणस-विचार
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