काश्मीर समस्या और विश्लेषण | Kashmir Samsiya Or Vishleshan

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Kashmir Samsiya Or Vishleshan by जगमोहन सिंह - Jagmohan Singh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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मिला। उनमे से ज्यादावर के पास पूर्व सरकार के बारे में कुछ शिकायतें थ॑. । जब मैं उनकी ये संब शिकायतें सुन रहा या तो मेरे पास श्रीनगर से उत्तेजित फोन आते लगे कि छोटा वाज्ार और गुरू बाजार क्षेत्र में सुबह-सवेरे पुलिस द्वारा बड़े दैमाने पर तलाशी ली गई और लगभग 250 नौजवानों को पकड़ लिया गया। क्योकि मुझे पता नही था वात क्या है, मैंने पुलिस के डायरेक्टर-जनरल एन० एस० सफ्सेना से सम्पर्क स्थापित किया उन्होंने बताया कि इस तरह की भयभीत कर देते वाली खबरें जानवृझ्ञ कर फँचाई जा रही थीं । उन्होंने बताया कि जांच के बाद 200 युवकों को छोड़ा जा चुका है और जिन पर गम्भीर अपराधों का संदेह था केवल उर्हें ही और पूछताछ करने के लिए रोका गया है। सक्सेना ने यह भी बताया कि गुरू वाज्ञार में कुछ ही दिनो पहले तौन केन्द्रीय रिजर्व पुलिस अधिकारियों को गोली से भून दिया गया या । ये तलाशी उन्हीं अपराधियों को दकड़ने के लिए ली जा रही थीं 1 सुबह मैंने पुलिस के रिटायर्ड डायरेक्टर जनरल पीर गुलाम हसन शाह से बात की थी और उन्हें अपना सलाहकार भी नियुवत किया था। शाह ने पद- स्वीकार कर लिया। उनके सुझाव पर मैंने उन्हें केविनेट मत्री का पद भी दे दिया | एक विज्ञप्ति जारी की गई । स्थानीय रेडियो से शाह के पद संभालने का समाच[र दिया गया। बहरहाल दोपहर, होते होते, शाह का मन बदलने लगा। होने मुझे बताया कि वह यह पद नही संभाल सकते क्योंकि इसकी वजह से उनका और उनके परिवार का जीवन खतरे मे पड़ जाएगा। उस समय मुझे लगा कि आतंकवादियों को पकड़ कितनी शवितशाली हो चुकी है । यहा तक कि पीर- गुलाम हसन शाह जैसी पृष्ठमूमि के अनुभव भौर प्रतिष्ठ वाले मधिकारीको भी इतना प्रतिष्ठित पद छोढना पदा । मैं सचिवालय में काम करता रहा और देर शाम को राजभवन लोटा | वह रात मेरे जीवन की सबसे अजीव रात थी। मैं सोने वाला ही था कि मेरे बिस्तर के दोनों ओर रखे टेलीफोन एक साथ लगातार वजने लगे । टेलीफोन के दूसरी ओर से भय ओर आातक पे ग्रस्त आवाजें आ रही यी, कभी-कभी रेतसे जादमियो की दबी आवाजें भी जो आतंक से काप रहे थे । “आज की रात हमारी आखिरी रात है” किसी ने कराहते हुए कहां । दूसरी आवाड ने बताया, “सुबह तक हम सारे कपमी री पंडितों को मार दिया जाएगा।” अन्य आदमी बोला, “दमारे लिए विमान भेजिए, हमें घाटी से बाहर ले चलिये।” “यदि आप सुबह हमारी लाशें नहीं देखना चाहते, हमे रात में ही यहा से वाहर भेज दीजिए ।” दूसरी आवाज चीखी “हमारी औरदों, हमाटी बहनो हमारी_माताओ का अपहरण कर लिया जाएगा और हम सव भादभियो की हव्या । टेलीफोन करने वाले कुछ लोगों ने बताया कि दे केवल अपना टेलीफोन पकडे रहते हैं ताकि मैं मस्जिदों में लगे सैकड़ों लाउडस्पीकरों से आने वाले भयानक मारो और घमकियों को सुन सकू । उन्होंने कहा कि इतना शोर हो रहा है कि कान बहरे हो जाए और ऐसा लगता है कि अनेकी रिकार्ड किए गए टेप एक साथ वहुत ऊचे स्वर में बजाए जा रहे हैं जिनकी गूज का भयानक प्रभाव पड़ रहा है जिससे वातावरण मौत के भय और आतंक से भर उठा है। পর यद सव क्रिस सिए था? इतनी बड़ संख्या में लाउडस्पीकरों का लगाया काश्मीर; समस्या मौर समाधान / 17




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