जीवनी व्यक्तित्व और रचनाएँ | Jeewani Vyaktitv Aur Rachanyein
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
7 MB
कुल पष्ठ :
226
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)जीवनी, व्यक्तित्व ओर रचनाएँ ११
जाय, या रामचद्विका के छंंदों को लेकर उसका पुनर्निमोण
किया जाय । ৃ
केशव कवि फे नाम से दो अन्थ श्रौर मिलते हैं । उन्त भ्न्थों
के साम है--बालिचरित्र और हसुसान-जन्स-लीला । इनकी रचना
शिथिल है । हचुमान-जन्म-लीला पर नोद् देते हए सचंरिपोटे
१६०६. १६१०, १६११ के लेखक लिखते है--
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लाला भगवानदीन ने केशव के सस्वन्ध से विस्तृत चचो की थी,
उन्ही की टीकाएं लेकर आज फेशव के अध्ययन-अध्यापन और
समालोचन का काम होता है। उनका कहना है कि ओरछा से एक
इनुसानजी का मन्दिर है। जनश्रति है कि इसे कवि केशवदास ने
ही संस्थापित क्रिया था । अतः संभव है कि उपरोक्त रचना कवि
ही हो, और उसमें विशेष काव्य-कौशल प्रस्फुट न हुआ हो ।
जो हो, इन प्रस्थो के सस्वन्ध मे अभी हस संदिग्ध ही है ।
आवश्यकता इस वात की है कि केशव सम्बन्धी सारी सामग्री
सुसंपादित और प्रासाणिक रूप से हमारे सामने उपस्थित हो
जिससे झसकी समीक्षा का कास निश्चयात्मक रूप से किया जा
सष, । श्रमी तकत प्रस्तुत सासमी की दशा किसी प्रकार अआशाजनक
नत ६ ।
रामचंद्रिका प्रसिद्ध सहाकाव्य हे सका सम्बन्ध महाराज
रामचद्रकीक्थासे ह| इतकी रचना-तिथि संवत् १६५८ दै ।
म प्रकार यह् रचना रासचरितसानस की रचसा के २७ वर्ष
वाद प्रकाश से आई । कविप्रिया की रचना सी इसी वर्ष
(४६४८) हुई | इसमें अलंकारो का विशद विवेचन है। केशव ने
उशुत वी भी “अलंकार” साना है ओर जिन वर्णनों से राम-
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