जीवनी व्यक्तित्व और रचनाएँ | Jeewani Vyaktitv Aur Rachanyein

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Jeewani Vyaktitv Aur Rachanyein by रामरतन भटनागर - Ramratan Bhatnagar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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जीवनी, व्यक्तित्व ओर रचनाएँ ११ जाय, या रामचद्विका के छंंदों को लेकर उसका पुनर्निमोण किया जाय । ৃ केशव कवि फे नाम से दो अन्थ श्रौर मिलते हैं । उन्त भ्न्थों के साम है--बालिचरित्र और हसुसान-जन्स-लीला । इनकी रचना शिथिल है । हचुमान-जन्म-लीला पर नोद्‌ देते हए सचंरिपोटे १६०६. १६१०, १६११ के लेखक लिखते है-- 10951850885 009 অ1092 0৫ [00087 01008, 119. 16 871 प्रणोत्व0क्तत 06६ 9 আ৪,5 ৩97৪4] 20 {06 {8706 पऽ [008 06 02010108, ১», ৮ लाला भगवानदीन ने केशव के सस्वन्ध से विस्तृत चचो की थी, उन्ही की टीकाएं लेकर आज फेशव के अध्ययन-अध्यापन और समालोचन का काम होता है। उनका कहना है कि ओरछा से एक इनुसानजी का मन्दिर है। जनश्रति है कि इसे कवि केशवदास ने ही संस्थापित क्रिया था । अतः संभव है कि उपरोक्त रचना कवि ही हो, और उसमें विशेष काव्य-कौशल प्रस्फुट न हुआ हो । जो हो, इन प्रस्थो के सस्वन्ध मे अभी हस संदिग्ध ही है । आवश्यकता इस वात की है कि केशव सम्बन्धी सारी सामग्री सुसंपादित और प्रासाणिक रूप से हमारे सामने उपस्थित हो जिससे झसकी समीक्षा का कास निश्चयात्मक रूप से किया जा सष, । श्रमी तकत प्रस्तुत सासमी की दशा किसी प्रकार अआशाजनक नत ६ । रामचंद्रिका प्रसिद्ध सहाकाव्य हे सका सम्बन्ध महाराज रामचद्रकीक्थासे ह| इतकी रचना-तिथि संवत्‌ १६५८ दै । म प्रकार यह्‌ रचना रासचरितसानस की रचसा के २७ वर्ष वाद प्रकाश से आई । कविप्रिया की रचना सी इसी वर्ष (४६४८) हुई | इसमें अलंकारो का विशद विवेचन है। केशव ने उशुत वी भी “अलंकार” साना है ओर जिन वर्णनों से राम-




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