श्रेष्ठ हिंदी कहानियाँ | Shreshtha Hindi Kahaniyan
श्रेणी : कहानियाँ / Stories, साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
14.68 MB
कुल पष्ठ :
199
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about डॉ लक्ष्मीसागर वार्ष्णेय - Dr. Lakshisagar Varshney
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)मीष्म साहनी मभटकती राख गवि में फसल कटाई पूरी हो चुकी थी । हँसते-चहकते किसान घरों को लौट रहे थे । भरपुर फसल उतरी थी । किसानों के कोठे भ्नाज से भर गए थे । ग्रहिखियों के होठों पर संगीत की घुने फूट रही थी । दूर-दूर तक फैली घरती की कोख इससे भी बढ़िया फसल देने के लिए मानो कसससा रही थी । रात उतर झ्राई थी भ्ौर घर-घर में लोग खुशियाँ मना रहे थे । जेब एक घर की खिडको में खड़ी एक किसान युघती जो देर तक मस्त्-मुग्ध-सी बाहर का दृष्य देखे जा रही थी सहसा चिल्ला उठी देखो तो खेत में जगह-जगह यहू क्या चमक रहा है ? उसका युवा पति भागकर उसके पास झाया । बाहर खेत में जगह-जगह सिलमिल-शिलमिल करते जैसे सोने के करण चमक रहे थे । यह क्या शिलमिला रह हैं ? क्या ये सचमुच सोने के कर हैँ? पत्नी में बडी व्यता से पुषछा । शसोता कभी यो भी चमकता हैं ? नहीं यह सोना नहीं है । फिर कया है ?
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