अभिधम्मत्थसगहो | Abhidhammatthasangaho

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Abhidhammatthasangaho by रामशंकर त्रिपाठी - Ramshankar Tripathi

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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बोध्यड्ध ( ७) व मार्गाद्धि ও सर्वेसहग्र हु मी पञ्चस्कन्ध ह स्कन्घ किक वेदना एवं संज्ञा का पृथक्‌ स्कृन्धत्व पञ्चस्कन्धो का क्रम ८३; स्कन्धो का स्वरूप उपादानस्कन्ध (५) स्कन्ध ओर उपादानस्कन्ध मे मेद आयतन (१२) ॥ 3 आयतनो का क्रम आयतनों का स्वरूप धातु (१८) धातुओं का क्रम হি धातुओं का स्वरूप मद आयंसत्य (४) ৫ लौकिक-लोकोत्तर एवं कारण-कायं सत्य देशनाक्रम ५.५० स्वरूप নি मनञायतन, मनोद्ार धर्मायतन ए तृष्णा, मागं ओौर निरोध को दुःख नहीं कहा जा सकता सत्य के १६ अथं दुःख सत्य के ४ अर्थं ४ समुदयसत्य के ४ अर्थ कम निरोघसत्य के ४ अर्थ ৪ मार्गसत्य के ४ अर्थ ६ स्कम्ध-आदि देशना व अष्टस परिच्छद अनुसन्धि এ হি द्विविध नय प्रतोत्यस्तमुप्पादमय पट्टाननय दोनों नयों में भेद ५८३ 121 ७८६ ७८६ ७८६ ७८६ ७यरै ७६० ७९० ७६१ ७६१ ७६९२ ७६३ ७९३ ৩৫৮ ७६४ ७६५ ७६६ ७९६ ७६७ ६०० ८०० ८०२ ८०३ ८०२ ८०४ ८०४ प्ट पट




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