संयुक्त प्रान्त की अपराधी जातियाँ | Sanyukt Prant Ki Apradhi Jatiyan

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Sanyukt Prant Ki Apradhi Jatiyan by प्रकाशनारायण सक्सेना - Prakashnarayan saksena

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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भूमिका 'अपराधशील जातियों के नीरस आर कठिन विषय पर अत्यन्त भावुकता एवम्‌ सरसता पूणं रोली मे एक सारगर्भित पुस्तक लिखने को सफलता पर मेँ उसके लेखक श्री प्रकाश नारायण सक्सेना दादिक वधाद देता द्र | अपराधशील जातियों का विपय यद्यपि अपना विशेष महत्व रखता हे तथापि हमारे समाज ने उसकी सदंव अवहेलना की, क्‍योंकि श्राय: हमारा विश्वास सा हो गया है कि “अपराधी” एक विशेष जाति हे जिसके प्रति हमें उपेक्षा अर घुणा रखना चाहिये | हमारा उनसे अपना कोई वास्तविक सम्बन्ध नहीं है | कुछ व्यक्तियों की धारणा तो यहाँ तक बन गई है कि वे अपराधियों को जन्म- सिद्ध अपराधी मानते हैं और सममभते हैं कि ईश्वर ने ही उनको अपना कोप भाजन. बनाकर इस जाति विशेष में जन्म दिया हे | अस्तु कोई भी लेखक जो इन उपेक्षित अपराधियों की समस्या पर अपने साथक ओर मूल विचार प्रकट करता हे । वास्तव में यथेष्ट प्रोत्साहन का अधिकारी है। मेरे विचारों में यदि इस समस्या का सुचार रूप से अध्ययन किया जाये तो यह स्पष्ट हो जायेगा कि इन अपराधियों को अपराधो बनाने का सारा दोप हमारा ही है क्‍योंकि हमने किसी ऐसे प्रमाज का




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