महायुद्ध | Mahayuddh
श्रेणी : जीवनी / Biography
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1 MB
कुल पष्ठ :
62
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)5) ০০5, ८. ४-२८: কী ক
महाष दयानन्द
मथ कर अमृत निकाला तुमने, विष पी जग को प्राए दे गये ।
पत्थर फोड़ निकाली .गंगा, पाषाणों की नाव खे गये ॥
प्राये लाये साथ सव्य तुम, स्वप्न छोड सारा जग जागा।
गूंज उठा आर्यत्व देश में, भय का भूत आग से भागा ॥
तुम बोले, जग ने स्वर पाया, भारत मका भाल उठ गया)
जिसमें स्वयं जा फंसे थे हुम, वह् भ्रनीति का जाल उठ गया |
भंवर किनारा वना चरण छ, तैराकर संसार ले गये।
मथ कर अमृत निकाला तुमने, विष पी जग को प्राण दे गये |।
महापुरुप १७
User Reviews
No Reviews | Add Yours...