देश जिन्दाबाद | Desh Jindabad
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2.64 MB
कुल पष्ठ :
186
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)मेरी एक भी कोशिश कारगर
सही हुई ।
और नोटों की एक गड्डी घर
में भा गयी । मकान के ब्रूढे चेहरे
पर यह ऋणवोध काले धब्बे की तरह उभर गया । और काका एक
दीवाली की योजना बना रहे थे, कि वे खेतों से मोती उगाकर बैंक की
हथेली पर इस तरह रख देंगे कि पूरा देहात वाह-वाह कह उठेगा।
उस शाम, गाँव की चौहद्दी तक चीखता रहा मेरा घर । और बड़े-
बढ़े घरों में लेटे हुए भजन गाते रहे । मैने उस चीख को विस्तार देते हुए.
कहा, “काका तुमने अच्छा नहीं किया ।””
काका उन क्षणों में दीवार पर लगी हुई, ' मेरी दस साल पुरानी
तस्वीर घूरते रहे। और, एक हत्की हंसी फेककर, मेरे चेहरे को लहूलुहान
कर दिया । एकाएक मुझे अपनों दस वर्ष पुराना चेहरा याद आया । लगा
कि बह मुझसे अलग, कोई दूसरा आदमी था । अगर वह इस वक्त मिल
पाये, तो उसे टुकड़े-ट्रकड़े काटकर, चील-कौवों के हवाले कर दूँ ।
फिर पत्नी की याद आमी । शायद इस तनाव से वहूं स्वयं को
अपराधिनी महसुस कर रही हो ! मैं घर के भीतर गया । पत्नी विजय.
गर्व से तनी थी । सहसा मैं संयमहदीन हो उठा । नहीं, इस आवेश से
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