राजपूताने का इतिहास भाग 3 | The History Of Rajputana Vol. 3
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
38 MB
कुल पष्ठ :
544
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about महामहोपाध्याय राय बहादुर पंडित गौरीशंकर हीराचन्द्र ओझा - Mahamahopadhyaya Rai Bahadur Pandit Gaurishankar Hirachand Ojha
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)शेवना, बोर दिया आदि स्थानों में प्राचीन काल के मंदिरों के भग्नावशेष
ओर बावड़ियां आदि विद्यमान हें, जिनसे प्र॑तीत होता हे कि प्राचीन काल
में यह इलाफ़ा सुसम॒द्ध था। प्रतापगढ़ राज्य में खुदाई का काम बिल्कुल
नहीं हुआ है और न प्राच्चीन इतिहास की. सामग्री की खोज ही हुई हे ।
यदि खुदाई और शोध का कार्य हो तो और भी सामग्री मिल सकती हे ।
पसी दशा में प्रतापगढ़ राज्य के सर्वोगपूर्ण इतिददास लिखने का श्रेय किसी
भावी इतिहाल-लेख ऊक को ही मिलेगा, लेकिन डस समय भी मरा यह
इतिहास, मुझे विश्वास है, इतिहास-लेखकों के पथ-प्रदशक का काम
करेगा ।
भूल मनुष्य मात्र से होती है । इसका में अपवाद नहीं हूं, और
फिर इस समय मेरी वृद्धावस्था है | जो जटियां मेरी दृष्टि में आई उनके
लिए पुस्तक के अत में शुद्धिपत्र लगा दिया गया है। और भी जो तुटियां
हों उनके लिए कृपालु पाठक मुभे त्तमा प्रदान करेगे । सप्रमाण सुचना
मिलने पर उनका द्वितीय आवृत्ति के समय खुधार कर दिया जायगा ।
धतेमान प्रतापगढ़-नरेश महारावत स्तर रामसिंहजी बहादुर, के०
सी० एस्० आई० ने राज्य में उपलब्ध इतिहास संबंधी समस्त सामग्री मेरे
पास भिज्ञवाने की छपा की, जिसके लिप में उनका हृदय से अनुृद्यीत हं ।
सीतामऊ राज्य के विद्याप्रमी महाराजकुमार डॉक्टर रघुबीर सिंह, एम० ০,
पलू-एलू० बी०, डी० लिटू० का भी में अत्यंत आभारी हूं, क्योंकि उन्होंने
अपने सग्नद्द से प्रतापगढ़ के संबंध के शाही फ़रमानों और अखबारात का
अंग्रेज़ी खुलासा मेरे पास भिजवाने का कष्ट उठाया दे । प्रतापगढ़ राज्य
की रघुनाथ संस्कृत पाठशाला के प्रधानाध्यापक पंडित जगन्नाथ शास्त्री
तथा कामदार खासगी शाह' मन्नालाल पाडलिया भी मेरे धन्यवाद-भाजन हें,
क्योंकि डनके-द्वारा मुझे राज्य खे इतिदास-संबंधी सामग्री एवं समय-समय
पर सत्परामशे मिलता रहा है । में उन ग्रन्थकर्ताओं का भी अत्यन्त कृतज्ञ
हूं, जिनकी रचनाश्रों का मेंने इस इतिहास के लिखने में उपयोग किया हे
ओर जिनका उल्लेख मेंने यधास्थान टिप्पणों में कर दिया दे ।
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