वीर विनोद मेवाड़ का इतिहास | Veer Vinod Mevad Ka Itihas

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Veer Vinod Mevad Ka Itihas by श्यामलदास - Shyamaldas

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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महाराणा अनरांस २. ] तहतः, [ पुर, भाडख वर. क7 बयान ७३१ | कः ~ ~ 1 47:22%-520%८२२:९: ১১১০ बनभ पूरी श्रीम्‌ सजनो की इ, आर मे महाराजाजीका इंषलास सेती या & | बात हजूरी कं न लिषी, भोर अबे अरीबेगदू साथी षत मुबारीकंबा के आप “ | पासी षीदायो छे, सो र मासतानके ताद ताकीद कीजे, जो ऊके ताह जगना? अमरु वा । | दपल दे; ओर या ब॒दनामी आपकू हुई हे, सो सुन्दर वकीर कीधांसू हुई ठे; चं । | पर षुदा न करे जे या बात हजुरीमें अरज पहुंचे, तो थाकूं पूरो ओलमो आबे, ; | और र॒न्द्रन आपको जाहीर कियो ইজ, बादर! ¢ बंदोन कु रजा-द कीया है, | (सोया बात झूठी कही ॐ; कोण सो कांम पातसाहजीको ने कयो, तीसु | हम रजामंव्‌ इवा, तीसु रजार्मदी हमारी इंम हेज, भगने सुं हाथ वेचे आर | हमारा अमर वाकहे होय, भोर माहाराजभी ई बातकूं जाणो होज, हमारा भी कुली मुजरा हजुरमें ई ही बातसु हे. भगनेमें अमल करां क और तुम्हारा लोग | दृषल छोड़े नही छे, तीथेजे हमारे ताई हजुरी थी नुकसान पहुंचे, ओर महाराजी कु पुरी बः नानां अवि, तो या बात भरी नर्ही, अर सुंदर वकीर ये जु कछु हम | कहां हां, सोतो आपकु वा कई कद्दे नही, ओर जु कछु महाराजी कहे सो वा हमसूं | | कहे नही. सो ई बात माहे मतलब बीचमें ही रहे हे, ओर आपस मांहे पेच होय है, | और जे कोई काः का आदमी है, तीनसु तो मीले नहीं, और ऊपर ऊपर लागांनट | | লিল मीली करी काम अबत करे हें. सो श्री महाराज ई बातके ताई खातरमें छाय करी | कयास करोगा जी, ओर बाजी बात अली ४ सु जुबानी कही है, सो आपकु कहेगा | जी, र घणा क्या लीखे. मी० आसोज सुदी १५ संवती १७५५ (१). न> पर्गनह पुर मांडल, ब-नोरं और मांडलगढ़, तीनों बादशाह आलमगीरने | | फौजकं क वक्त जब्त करलिटे थे, और (ज६एके झुबज यही परमेन शुमार | किये, जिसप॑ महाराणा जयास .ने विक्रमी १४७ [ हि० ११०9 = ईं ० १६९० 1 | । में एक लाख रुपया जिजयेका देना कुबूल करके पर्गने वापस लिये. इक्वार मुवाफिक র रुपया जमा न होनेके सबब कुछ ऋर्से तक तो তা अदा करन-ज रहा होगा, ও ठेकिन्‌ न पः चनके सवव फिर यह तीनों पर्गने बादशाहने जूब्त कर लिये थे. / ॥ इसपर भ.राणा जयासे .के राज:मार ( अमरां ।- ) ने अपने नामपर ठेकेमे करवा ८ छिव, उस वक्तके दो कागृज क्रो हमको मिले हैं, শন এ यहां | लिखते हैं:- व 2० 2২22৩ 22 (१ ) [ हिजी १११० ता० १४ राच गनी = है* १६९८ ता* २१ अष्टो र] চি




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