अलौकिक शक्तियां | Alaukik Shaktiyan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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जाग्रत कर सक्ते है । इमर्सन का कथन है, मनुष्य अलौकिकं शक्तियो का मडारहै। इसी भडार के बल पर वह जल और नभ की सैर कर रहा है। क्या यह्‌ काम. कम अलौकिक है ! मनुष्य अपनी अलौकिक शक्तियों का मालिक है। नह दुःख की बात है कि हममें से अधिक इनको जानते ही नहीं हैं। वह हमारे में ही सुप्त पड़ी हुई है। उनको जाग्रत कर ही नहीं पाते हैं। यदि हम ऐसा नही करते तो हमारी कामनाएं पूरी नहीं हो सकती हैं। हम केवल सपता ही देखते रह जायेंगे। कामनाएं धरी-की-घरी रह जायेंगी । क्या कामनाएं हैं आपकी ! उन पर सोचें और आप निइचय ही उनको पूरा कर सकते ह! अपनी ईश्वर प्रदत्त अलौकिक शक्तियीं को जाग्रत करिये। तब आप देखेंगे कि वह पूरी हो रही हैं। साकार हो रही हैं । यह सत्य है। इसके लिये आपको भाग्यवादी नहीं है। अपनी शक्ति का प्रयोग करना पडेगा ! आप अपने वल पर सव कुछ पा सक्ते हैँ । ह्‌ एक न्नुव -सत्य रै \ कामनाएु अवद्य पुरी होती रै \




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