मधवाचर्यविरचित श्रीशंकरदिग्विजय महाकाव्य का समीक्षात्मक अध्ययन | Madhwacharyavirchit Shreeshankardigvijay Mahakavya Ka Samikshatmak Adhyyan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
132 MB
कुल पष्ठ :
589
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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विजय ০
आन्तर के प्रद्दत्ण मे प्रधादगुणवन ३६८०३६६ ,
&~ अन्य प्रह्ये म प्र्द्गुणण+ ३६६ , ३
जीजीगुणय- क औजौगुण का स्वहूप- ४००
से> औजीगुण्प को अभिव्यक्ति का दौन्न-४००-
४०६ „ ग~ अौमौगुणा क व्यच्जक शंब्दन ४०६ ,
ছল ^ प्रौरष्वण्करदिग्क्किय ^ पै जौजौगुण-
४०१०४ १० जन शबइ०करावाये के जौजस्वीकूप वर्णन
प जीजौगुणः- ४०३-४०६ , थआा- रौंड्र और নী জী
कै प्रसद्ृध्ग में औौजीगुणा को स्थिति+ ४०४०४०७,
ह~ बीभत्सरस कै प्रसद्ण्म भं ओौनौगुणा ~ ४०७ ,
है- शान्तरस के प्रसदृण्य में ऑजीगुणा- ४०८-४१०,
४- माधुवगुण्य- क- साधुवैगुणा का स्वरूप- ४१९-४९१२५
स~ माधुकैएय की' अभिव्यक्ति का धौन्नन ४९२ »
ग- माधुवीएण के अभिव्यज्जक शब्द- ४९३ , घन
* श्रीशद्ण्करदिगिविजयं * भे माशरुयैगुण- ५६३४९१४ ।
चित्तय त्रौशदुण्कर दिग्विजय ^ ४ काव्यकौीष
ধ- कतारणा - ४६४४-४१ » २- ५ वीशइण्क- `
दिग्विजय में प्रयुक्त काव्य दौष्प- ४१४ क्र
श्रुतिकरु दी ब्य+ ४६६-४३९७ „ छ प्रतिकृलवर्णत १ वौ.
४९७ , गन तेयाथैल्व दौ ४९१७-४ , घ~ = `
युब्तत्व दी प~ ४ ६८४९६ „ 2०~ अश्लौलत्व दी ~
मुक হী ४२०४२६९ »
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