आँसू और मुस्कान | Aashu Or Muskaan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
116
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)दो बच्चे १७
होगा ? मेरे पास तुझे पहनाने को रेशमी कपड़े नहीं हु; क्या
मेरी नंगी और कांपती हुई वाहें तुभे गर्मी दे सकेंगी ? छोटे-छोटे
पगु चरागाहों में चरते हें और अपने स्थान पर सुरक्षित छौट
आते हैं; छोटी-छोटी चिड़ियां दाना चुगती ই জীব झांति से
डालियों के वीच सोती हैं। परंतु तेरे पास, मेरे प्यारे, कुछ नहीं
है, सिवाय एक स्नेहमयी कितु निराश्चित मां के ।”
फिर उसने वच्चे को अपनी सूखी छाती से लगाया और
उसको अपनी वांहों में भर लिया--मानो दो शरीरों को मिला
देना चाह रही हो, पूर्ववत् । उसने अपनी जलती हुई माँखें स्वर्ग
की बोर धीरे-घीरे उठाई गौर चिल्लाई, “ईइवर ! मेरे अभागे
देशवासियों पर दया कर 1”
उत क्षण चन्द्रमा के मुख पर से वादल हट गये मौर उसकी
किरणें उस दरिद्र कटिया में दरवाजे से प्रवेश कर दो লাহা
पर जा पड़ी ।
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