द्वापर | Dwaper

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Dwaper by मैथिलीशरण गुप्त - Maithili Sharan Gupt

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about मैथिलीशरण गुप्त - Maithili Sharan Gupt

Add Infomation AboutMaithili Sharan Gupt

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
हप्र जिये बाल - गोपाल हमारा , वह कोई अवतारी; नित्य नये उसके चरित्र हे: निर्भय विस्मयका री । पडे उपद्रव की भी उसके कब-किसके घर वारी , उलही पड़ती श्राप, उलहना लाती है আঁ নাবী। उतर किसी नम का मुगांडू-सा दस स्रगिति में आया; वैरा दिया राम्‌, सब षावं , जसा मेने पाया + १६




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now