मधुबाला | Madhubala

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Madhubala by बच्चन - Bacchan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( १७ ) नियत्ति का विधान रद बीर दी वा! उसने अपने मन पर्‌ संयम ८ ५ अपने ৯ জাত “সাত न्वा, पर मघुबाला ने रस सकी। जा गई उनके पातर जपनं दादाय का घरोर लिए, मिट्टी का प्याला लिए मौर उसमें मदिरा नामधारी লন ল্য! हो, नं { हृदय पर वापा हूना । वह स्वप्न और यह सत्य! > एक पल में सारी बसंत-्री-णोना-युथगा पत्नह के तरलांकालों में विलुप्त हो गई। सोने की अख्का मिट्टी मे मिन्ध गई, स्वर्ग सेंटर मात्र লা মনা, শন उजाद हो गया। उसका चिर संचित स्वप्न भग्त हो गया। उसके सिर अमंताद जीवन का अंतिम आश्रय भी उसे निराश कर गया। ক ৯ রি उपः, परमन वट संसार में भरे संतोप के छिए एक भी यन्तु नदी {वह्‌ सीख पढ़ा। है म य कना चानं उदार ने उसको प्यार किया, उसने सिर पर हास फेस, बोलो, ই হাক পনি ও < ~ न ~ दिनों तष्ट पुनते = २ ইশা, হল संधु । इसी के ध्यान में तुम इसने दिनों तक घुखते रहे < ৮) 1 তে »ौ1३ दान मग || 1 লন পাপা {4111 ~ ৮০ पर पल प 1 ৯৩ ० ५ मधः ¢ प्रग (१ दार प्रप्र ॐ ~न ~ না >} ^> তক मू भर पप्य দিদির হা अपरों सका ब्दा अनति में जानू नम ५ < শপ আযান उनको मनर्‌ জী) লট জাগে সান অলল কী छाया प, षर , धन्धा दष दात म कचन अपने शर धल पिन न्क) ग, ता टमि सन, नोन টি +~ হল बता, हो টিন বাল, লাল তিন दीने। जनक न मत * 5 ५ प मृष्ट [न पेट सामता-यक्षव # মল প্রান সি হাতি फा न्य नष्ट शो ‡ 0 १६ 244 श सक ज, এ 1201 আপ ক हि सद्द रश मो म्यम । समय है লগ কিলী दिल ঘা অনিল ৫ न+ +~ ६ ক) ৯ = (> {= ५ সা म पननम पट | ननद $ सदी त पट सम्‌ दर यन्तः दसमु श्य পু नुद 1 ~ ध मर ५ ৭২ द दषु चदन भमदिशशय जाश অন গতি জিন সদ্য ক লাক বন্যা भ এ * ४ 7 जि न (ददर म सन्दर ददा! भ गद स ; = 4 च, ब 9 4५ ४४३ ९ ^ ১




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