सूर - साहित्य | Sur-sahitya

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Soor-sahitya by हजारी प्रसाद द्विवेदी - Hajari Prasad Dwivedi

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

Author Image Avatar

हजारीप्रसाद द्विवेदी (19 अगस्त 1907 - 19 मई 1979) हिन्दी निबन्धकार, आलोचक और उपन्यासकार थे। आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी का जन्म श्रावण शुक्ल एकादशी संवत् 1964 तदनुसार 19 अगस्त 1907 ई० को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के 'आरत दुबे का छपरा', ओझवलिया नामक गाँव में हुआ था। इनके पिता का नाम श्री अनमोल द्विवेदी और माता का नाम श्रीमती ज्योतिष्मती था। इनका परिवार ज्योतिष विद्या के लिए प्रसिद्ध था। इनके पिता पं॰ अनमोल द्विवेदी संस्कृत के प्रकांड पंडित थे। द्विवेदी जी के बचपन का नाम वैद्यनाथ द्विवेदी था।

द्विवेदी जी की प्रारंभिक शिक्षा गाँव के स्कूल में ही हुई। उन्होंने 1920 में वसरियापुर के मिडिल स्कूल स

Read More About Hazari Prasad Dwivedi

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
राघानछप्णका विकास दे को लेकर यूरोपियन पड़ितोने बडी बडी थियोरियाँ खडी की हैं। किसीने कहा है यह अलेग्जेंडियां है दूसरेने चैक्ट्ियी बताया हैं और तीसरेने इसिफुल हृदे 1 समझमें नहीं आता कि इस द्वीपके लिए इतना चावेछा क्यों खडा किया गया है। यह तो एक स्वर्गकी कल्पना मात्र है इसका जो वर्णन महाभारतमें है उसके फिसी अशसे यूरोपके किसी प्रदेशका मिठना असम हैं । यूरोपियन पडित सफेद होते हैं इसलिए सफेद द्वीपका नाम आते ही कह उठते हैं कि यह द्वीप निश्चय ही यूरोप होगा । कमसे कम यूरोपियनोंसे उसका सबध तो होगा ही | यह सो उसी प्रकारका कथन है जैसे टेम्स नदीका तमसा के साथ नाम-साम्यंप्देख कोई कह उठे कि वाल्मीकिका आश्रम निश्चय ही टेम्स नदीके किनारे भर्यात्‌ था और चूंकि वहींपर कविने प्रथम ग्छोक बनाया या इस लए भारतीयॉंको कविता बनानेकी शिक्षा निश्चय ही अप्रेजॉने दी है | ३ प्रियसेन जनेल ौफ रायल एशियाटिक सोसायटी १९६०७ । फेनेडी ज० रा० ए० सो० १९०७ | ४ घिय काम्त कान्ता क्न्पतरवो । मुमा भूमिशचिन्तामणिगणमयी तोयमसुतसू ॥ कथा गान नाव्य गमनमपि घी प्रियसखी । ज्योति परमपि तदास्वायमपि च ॥ था श्रजति नहि यमापि समय । स यत्र कीरास्थि स्वति सुमद्दान्‌ ॥ भजे इंवेनट्वीप तमदसिद्द गोलोक्सिति य । विदन्तरते सन्त क्षितिविरलचारा क्तिपये ॥ --महासदता ५६ ।




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now