जवानो, राह यह है | Jawano, Raah Yah Hai
श्रेणी : दार्शनिक / Philosophical
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5 MB
कुल पष्ठ :
180
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)छ जवानो, राह यह है | ] [ १७
करती है । इससे दरख्त फल न देकर सूखने की बात थोड़े ही तय कर
बैठते हैं। तुम भी अपनी तरक्की के रास्ते में आई रुकावर्ों की परवाह ল
* करते हुए बढ़ते चले जाओ । यकीन रखो, जल्द वह दिन आयगा जब
तुम अपनी पूरी ताकत से उन्हीं का भला करते हुए. देखे जाओगे जो ठुम-
को अपना दुश्मन और नुकसान पहुचाने वाला समझते थे। अपनी
सरक्की करो, समाज को तरक्ी होगी । जवानो, राह यही है |
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