जवानो, राह यह है | Jawano, Raah Yah Hai

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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छ जवानो, राह यह है | ] [ १७ करती है । इससे दरख्त फल न देकर सूखने की बात थोड़े ही तय कर बैठते हैं। तुम भी अपनी तरक्की के रास्ते में आई रुकावर्ों की परवाह ল * करते हुए बढ़ते चले जाओ । यकीन रखो, जल्द वह दिन आयगा जब तुम अपनी पूरी ताकत से उन्हीं का भला करते हुए. देखे जाओगे जो ठुम- को अपना दुश्मन और नुकसान पहुचाने वाला समझते थे। अपनी सरक्की करो, समाज को तरक्ी होगी । जवानो, राह यही है |




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