दो श्रेष्ठ उपन्यास | Do Shreshth Upnayas
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
961 KB
कुल पष्ठ :
102
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about यादवेन्द्र शर्मा ' चन्द्र ' - Yadvendra Sharma 'Chandra'
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)दो श्रेष्ठ उप-याम्
अतीत षाए वह् टुकटा किरच क्रिच होकर बिखर गया। वह पुत
वस्तुम्थिति में मो गया ३
उमे भदे हठो पर एक रहस्य भरौ मुस्कान चिपकी हुई थी।
क्या वाति है 1)
आप खाना कड सा्येगे ?'
“दोडी दर बाद ।
নম
ঘাহী মই हुए सतादे को रौंटती हुई चली गमी। पदचाप के खत्म
होते ही वही गहरा सनाटा 'पूतना वी तरह पसर गया ।
वह सोचने लगा 1
'कितनी विचित्र प्रथा है ।
एबलम आदिम
एड”म पुहड 7
ভিপি পি ।
उमका मत अग्चि से भर गया। ग्लानिके भाव उसके नमम
हलव फ्पोत थी सरह उभर आए 1 कपी फाटे उसदे' चुभ गए हा --
एंसा उस महसूस #आ।
जेता एक साधारण मीणा था जो अपने अदम्य साहस, रण दुश-
सता नौर अपूव शोय व बल पर वह आज बूदी का स्वामी हो गया
श१७ब् नगर वा नगरपति ?
वह हर पस्त अहुसूस घरता था कि यह बडा आदमी हो गपा है ।
हाडा व चौहानों की तरह चडा | गौरवशाली | दस्सतदार 1
उसने अपने आर सामाय मीणा जाति ये मध्य एवं दरार पदा
बर सी थी।
वह लपन षो ^ न मयस असग बौर छुद्ध रकावर्णी समझने सगा
13
न
User Reviews
No Reviews | Add Yours...