हमारे अतीत - 1 | Hamre Atit-1
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5 MB
कुल पष्ठ :
153
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)किया। कई सौ वर्षो से लोग पत्थर को तराशने, संगीत रचने और यहाँ तक
कि भोजन बनाने के नए तरीकों के बारे में एक-दूसरे के विचारों को
अपनाते रहे है!
देश के লাম
अपने देश के लिए हम प्रायः इण्डिया तथा भारतं जैसे नापो का प्रयोग कसते
हैं। इण्डिया शब्द इण्डस से निकला है जिसे सस्कृत मे सिधु कहा जाता है।
अपने एटलस मे ईरान ओर यूनान का पता लगओ। लगभग 2500 वर्ष पूर्वं
उत्तर-पश्चिम की ओर से आने वाले ईरानियों और यूनानियों ने सिंधु को
हिंदोस अथवा इदोस और इस नदी के पूर्व में स्थित भूमि प्रदेश को इण्डिया
कहा। भरत नाम का प्रयोग उत्तर-पश्चिम में रहने वाले लोगों के एक समूह
तापे के लिए किया जाता था। इस समूह का उल्लेख संस्कृत की आरभिक
ताडपत्नों से बनी गे
पाण्डुलिपि का एक (लगभग 3500 वर्ष पुरानी) कृति ऋग्वेद में भी मिलता है। बाद मे इसका
पृष्ठ प्रयोग देश के लिए होने लगा।
यह पाण्डुलिपि लगभग
एक हजार वर्ष पहले अतीत के बारे में केसे जानें?
लिखी गई थी। किताब अतीत की जानकारी हम कई तरह से प्राप्त कर सकते है। इनमे से एक तरीका
बनाने के लिए ताड के
पत्तो को काटकर उनके. अतीत में लिखी गईं पुस्तकों को ढूँढ़ना और पढ़ना है। ये पुस्तके हाथ से
अलग-अलग हिस्सो को. लिखी होने के कारण पाण्डुलिपि कही जाती हैं। अग्रेज़ी मे 'पाण्डुलिपि' के
एक साथ बंध दिया जाता लिए प्रयुक्त होने वाला “मैन्यूस्क्रिप्ट' शब्द लैटिन शब्द मेनू जिसका अर्थ
था। भूर्ज पेड़ की छाल है. से निकला है। ये पाण्डलिपियाँ प्राय: ताड़पत्रों अ
से बनी वी हो एक हाथ ह, सं निकला हं। ये पण्डुलिपियां प्राय: ताडपत्रों अथवा हिमालय क्षेत्र
पाण्डुलिपि को तुम यहो मै उाने वाले भू्जं नामक पेद कौ छाल से विशेष तरीके म तेयार भोजपत्र
देख सकते हो। पर लिखी मिलती हैं।
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ध 21011002010
हमारे अतीत
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