परिवहन गत्यात्मकता एवं आर्थिक विकास फतेहपुर जनपद का प्रतिदर्श अध्ययन | Parivahan Gatyatmakata Avam Aarthik Vikas Fatehpur Janpad Ka Pratidarsh Adhyyan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
23 MB
कुल पष्ठ :
190
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)इसके अतिरिक्त बी०एल० अग्रवाल ने मध्य प्रदेश, एम०एल० श्रीवास्तव ने दिल्ली, के
मार्ग जाल, परिवहन के साधन तथा प्रकृति, अभिगम्यता, यातायात प्रवाह के प्रतिरूप आदि
तथ्यो का विस्तृत रूप से अध्ययन किया है। अभी (१६६०) मे एन०पी० पाण्डेय ने अपनी
प्रकाशित पुस्तक मे पश्चिमी मध्य प्रदेश” के यातायात पर अपने महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत किये
है। अपनी पुस्तक मे पाण्डेय ने जाल प्रतिरूप तथा लागत लाभ विश्लेषण का विवेचन
किया है |
नगरी तथा ग्रामीण विकास में परिवहन :
नगरी परिवहन विकास के योगदान में बहुत कम अध्ययन हुए हैं। सिंह ने (१६५६)
इलाहाबाद के संदर्भ मे परिवहन आवश्यकता तथा उपलब्ध सुविधाओं के अन्तर का विवेचन
किये हैं। कायस्थ और सिंह (१६७२) गुहा (१६५५) में धनबाद और कलकत्ता की परिवहन
समस्या का अध्ययन स्पष्ट किये हैं ।
ग्रामीण परिवहन के विकास के अध्ययन में दुग्गल ने हरियाणा राज्य से सम्बन्धित
ग्रामीण सडकों के बारे मेँ सारणी बद्ध अध्ययन किये है।
परिवहन ओर नियोजनः
सिंह ने (१६७३) में क्षेत्रीय परिवहन नियोजन पर महत्व पूर्णं तत्वो का विश्लेषण किये
हे | प्रकाश राव (१६६६) में प्रवाह विश्लेषण के आधार पर देश के चार बड़ों नगरों कलकत्ता,
बम्बई, दिल्ली, मद्रास के परिवहन नियोजन से अर्थं व्यवस्था पर पडने वाले प्रभाव का
विवेचन किये हैं।
৭.3 परिवहन आर्थिक विकास के एक साधन के रूप में
विकासशील देशो मे समुन्नत परिवहन साधनों का अभाव इनके आर्थिक उत्थान के
मार्ग में प्रधान अवरोध है। अधिकतर विकासशील देश अपार प्राकृतिक संसाधन सम्पन्न हे |
कृषि योग्य भूमि तथा समुचित प्राकृतिक दशायें, वन सम्पत्ति तथा विविध धात्विक खनिज एवं
शक्ति ससाधन प्रचुर होते हुए भी उनका सम्यक उपयोग नही हो पाता | शीतोष्ण कटिबन्धीय
विकसित देशो की अपेक्षा उष्ण कटिबन्धीय विकासशील देशों मे उपज अवधि अबाध एव
लम्बी तथा वर्षा की मात्रा अधिक है। कुछ विशिष्ट प्रचुर मुद्रादायिनी फसलों, जैसे रबर, चाय,
कहवा, गन्ना, कोको, नारियल, केला आदि के लिए समुचित उत्पादन दशायें इन्ही क्षेत्रों में
उपलब्ध है। कीमती इमारती लकड़ियो वाले जैसे सागौन, महोगनी, रोजवुड शाल, शीशम
आदि सघन वन भी विस्तृत क्षेत्र में पाये जाते है| कुछ विशिष्ट महत्वपूर्ण खनिज एवं शक्ति
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