हिन्दी में भ्रमरगीत काव्य और उसकी परम्परा | Hindi Mein Bhramargeet Kavya Aur Uski Parampara

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Hindi Mein Bhramargeet Kavya Aur Uski Parampara by स्नेहल्ता श्रीवास्तव - Snehalta Srivastav

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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| ३ | के प्रतिपादन में ओर मिथिलेश ने अनेक प्रकार से मेरी सहायता की है । अलीगढ़ विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के अध्यक्ष डा० हरवंशलाल शम ने कृपा पूजक प्रस्तुत प्रबन्ध की भूमिका लिखकर मुझे अत्यन्त उपकृत किया है, इसके लिये मे उनका सविनय धन्यवाद करती हूँ । ओर अन्त में मे डा० नगेन्द्र के प्रति श्रद्धापूर्वकं श्रामार व्यक्त करती हूँ जिनके निरीक्षण में: यह प्रबन्ध पूर्ण हुआ हे । “स्नेहलता श्रीवास्तव पततिः उमः, ककन मन




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