जैन समाज दर्पण | Jain Samaj Darpan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5 MB
कुल पष्ठ :
147
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)के वन्दे वोरम्ू जगदू गुरुम् #
जैन-समाज-द्पणु
कन्द्ना
ज्ञान-बुद्धि-विवेक के जो प्राथमिक आधार हैं ।
लोक हितकर आस्म-रत आनन्द के भण्डार हैं ॥
है महा मङ्गल मयी जिनकी विमल अभिव्यज्ञना ।
प्रथम उन जेनेन्द्र को श्रद्धा सहित है बन्दना ॥ १॥
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