धर्म की उत्पत्ति और विकास | Origin And Growth Of Religion
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5 MB
कुल पष्ठ :
261
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)अनन्त की घारणा ११
सप्रारकोहम जानत है 1 जवसे हमे मनुष्य कौ मानां योर विचारा का कुछ भी
ज्ञान हुआ है तब से हम देखते हैं कि उस पर धर्म का प्रभाव है या वह धर्म से अभिभूत
है। सबते प्राचीन साहित्यिक पत्र सब जगह धार्मिक हैं । इडर के अनुसार, धार्मिक
परम्मराभामे ही इस ससार की सव विचिष्ट सस्टृतियो के वीज मिलत है, वे साहित्यिक
द 1-~-------~---~-------- ~
५ साहित्य युग के भगे जाने पर भो, यदि हमं मनुष्य क गहन विचारा कौ खोज
करतो हमे पता लगेगा क्रि धार्मिक मावनाये विद्यमान थी, प्रारम्मिक खान मे जिससे
मनुष्य कं मस्तिष्क के सिके चके, ये भावनाये निहितं थी ।
आय नापाय के जलग हानि क पहले, उनमं प्रका के लिये अभिव्यक्ति धी।
मृत, दिव, प्रकाश से देव विनेपणा बनाया गया । इसका अथ प्रारम्भ से प्रकाशमान था ।
यह बताना कठिन है कि कितने हजार बप मे, वेदा की पहली कचा या हामर की पहली
पक्ति के बाद मार्यं मापें मलग हई 1
करु समय ने वाद दव शब्द व्यापक रुप से प्रमात बोर वसत कं उउ्वल हप
म प्रयुक्त किया गया । रात्रि और नोतके अथकार कं विपरोत्त उपा का गान उसित हो
था। किन्तु यही देव शद जब पुरानी साहित्यिक कतिया म मिलता है तो हम देखत हैं
कि मूल शदाथ से यह दूर है । वेदा मे बहुत कम ऋषचायें इसक बाद मिलती है जिनमे
देव, दिव का अनुवाद निश्चित रूप स प्रकाशमान क्या जा सकता है। वंद मे प्रकाश-
मान प्रभात का देवी उपा कहा गया है । परन्तु इसम सदह है कि पुराने कवियां ने इन
ऋषचाओ मे प्रकाश मे थदाथ में उसे प्रयुक्त किया । तब क्या हम वेद मे व्यवहूत देव
को, लैटिन मे देवस की भांति ईश्वर के नाम से अनूदित करना चाहिये । इस अनुवाद मे
ऐसा अथ लगाना कठिन है । फिर भी हम निश्चित रूप स जानते है कि देवकां भथ
ईश्वर लगाया जाने लगा । प्रारम्भ मे इसका अथ प्रकाश था । इससे सदेह नही है कि,
भारतीय और इटली के पूर्व पुरुषों के अपने एक स्यान से अलग हाने से पहले, देव का
प्रकाश अर्थ तो था फिर भी देव श द के साथ प्रकाश अर्थ से ज्यादा सपन्तिद्टित था ।
इस प्रकार हम देखते हूं कि हम चाह अपने वौद्धित विवास क॑ नीचे से नीचे
स्तर पर जाय, चाहे आधुनिक अनुमान का ऊची से ऊची उड़ान ल.़ सब जगह हमे यह
मिलता है कि धर्म एक थक्ति है । जिसने बरिजय प्राप्त का है इतना हा नहीं धर्म ने उनपर
भी विजय पायी है जा सोचने हैं कि उद्दनि धर्म पर विजय पायी है ।
धर्म का सिज्ञान
घर्म कौ इस शक्ति को प्राचीन युनान के दूरदर्ी दार्शनिक भली भाँति जानते
थे । उनके लिये विचारों का ससार उतना ही गभीर और स्पष्ट था जितना कि वायु,
जो एथन के समुर, उनके किनारे और आकाश का दिस्दर्स+ रवाना चो 1 उन दाद
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