अयोध्याकाण्ड | Ayodhyakaand
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
17 MB
कुल पष्ठ :
520
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about महात्मा भगवानदीन - Mahatma Bhagwandin
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( ९३)
की ङकटी से वनती है) 1 चरस = ( चम॑ ) शग खा, यावय्वर
भादि | बसन हू चखन ( पती )। रेम-पट रोयें के वख ( एु्ाखा कम्बरु
भादि) । पार-पट == रेरमी व्र ( पीतास्वर, सिर्क भंडी जादि ) । चिदहित =
फथित, की इई; अनुसार ! विधान = विधि, रकार, रीति । रच्छ = वनामो,
सजाओों । विविध = कर प्रकार फे } पितान = ्चदडा, मण्डय 1
भानार्थ---्वर, खगखाला आदि और घहुत्त प्रकार के ( सृती ) यख भौर
घहुत जाति के रयं के तथा रेशमी वख, रत्न आदि जे संसार मै राज्याभिषेक
के लिये भनेक साँगलिक वस्तुएं हैं ( चशिष्टनी ने ) बतलायीं, वेद के अजुसार
सच री तियाँ कहीं, सर नगर में कई प्रकार के मण्डय सजाने के किए फटा ।
पनस रसाल पुंगफल केस । रोपडु चीशिल्द पुर चहुँ फेरा ॥
त्वह मंजु मनि बोकर चारू 1 फट पनावन पेगि वजार ॥
पूजड गनपति, यख, पुरलदेवा । खव बिधि कस्टु भूमिर सेवा ॥
शव्दा्थ--पनस = फटदरू 1 रसा = श्राम ! कगफर = सुपारी । केरा =
केला । रोपहु--( सं° श्रारोप्ण ) रूगा्यो । चीयिन्द गयो मे 1
प्हुंफेरा चारो शोर । चोकई = चौक ( पूजा की सामी रखने श्रादि के'
किये या दैवताश्रों को श्चावाहन रते ॐ रिय पसाव, धवीर, गुराङ श्रादि
से जो चोंकोण, त्रिकोण श्रादि चित्र रचनाएँ सज्गरु कार्यों में की जाती हैं
उन्हें चीक कहते हैं श्रौर उस कार्य को “चौक पुरना” षोरते दैः । ) चारू
सुन्द्र ! चजारू=~( फा० ) हाट, यान्नार । शुमिसुर = चाद्छण ।
भावा्थ--( वरशिष्ठ जी ने और कहां कि » कर्दल, श्राम, सुपारी घोर
' केले के घ्रूक्ष नगर सें चारों ध्रोर सछियों में रूयाओओ । उत्तम मसियों से
सुन्दर चोक एरो श्रीर ( नगर के छोगों से ) शीघ्रह्दी वाज़ार बचाने (सजाने)
के लिये कह दो । गणेश जी, गुरु और कुरदैव'( शंकरं ) छी पूजा करो
शौर पादयो की सच प्रकार से सेवा करो ।
द्वो०--'ध्वज पताक तोरन, कलस, सजझ तुररग रथ 'नाग.।
सिर ध्ररिसुनिवर यचन सवुः निज निज काजदि लाग॥9॥
User Reviews
No Reviews | Add Yours...