हिन्दी के आदि मुद्रित ग्रन्थ | Hindi Ke Aadi Mudrit Granth
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
8 MB
कुल पष्ठ :
328
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)खिला ह कि तसिप-पोचुगीज्ञ कोशके लिए इग्नेशस एकामेंनी नामक
व्यक्तिने तमिष टाइप बनाये थे । तमिप भापाके टाइप चनानेका वास्त-
विक इतिहास बारथेंलेम्य जिगेनवत्ग के प्रयत्नोसे शुरू होता है । उसने
१७०८ भर १७११ के बोच बाइबिलका तमिष अनुनाद किया ओर हाले
तामक समरसे तमिप टाइप बनवायें । आाकारमे बड़े होसेके कारण ये
टाइप कासमें नही लाये जा सके । जिंमेनबल्गने पुन निजी प्रयत्न किये ।
ट्ाक्वेबारके समीप कागजका कारखाना भी बेठाया गया । १७१५ में
जिगेनबल्गका यह न्यू टेस्टामेण्टका तमिष अनुवाद बिबलिया उयुस्युल्िया
नामसे छपा । इन सब प्रयत्नोके होते हुए भी मद्रासमें प्रेसोका विकास
विरोष तजीसे नही हुमा । १८६३ तक मद्रासमे केवल दस सुद्रणालय थे |
गोआके प्रेसोकी मुद्रित सामग्री आज बहुत सीमित मात्नासे उपलब्ध हूँ ।
कहा जाता ह् कि दीपू सुस्तानके आक्रमणोमे यह् सामग्री नष्ट हो गयी ।
गोआके प्रारम्मिक मुद्रणके सम्बन्थमे गानट महौदयका यह् विचरण
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६ हिन्दीके भाटि सुद्धित अन्य
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