हिंदी के स्वीकृत प्रबंध | Hindi Ke Swikrit Prabandh

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Hindi Ke Swikrit Prabandh by कृष्णाचार्य - Krishnachary

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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এন इंगलंड की परपरा : मि० गिलिस्पी ने सर विलियम हैमिल्टन को उद्धृत कर अपनी यह धारणा पुष्ट की है कि इंगलैंड में ग्रोक्सफोडं या कैत्रिज ने वि० वि० के संबंध में कोई विचारधारा नहीं दी. १८७०ई० से पूर्व वि० वि० को यहाँ ज्ञानवुद्धि का केंद्र नहीं माना जाता था. ऐसी स्थापनाओं का खंडन ही होता रहता था. किन्तु [9४ 01511176 (०073901 (१८७३) ने संभवतः पहली बार माना कि वि० वि० को ज्ञानवृद्धि की ओर ध्यान देना ही चाहिये. इस देश में डॉक्टर उपाधि का समारंभ १९००ई० के आगे-पीछे से हुआ. विदेशी विद्यार्थियों को आकर्षित करने की दृष्टि से इस पद्धति का भ्रवलंबन विदोषं रूप से किया गया. ग्रोक्सफोडं इस समय के बहुत दिनों के बाद तक भी जीवन-पद्धति के विकास का उदेश्य सामने रख कर चला. बुद्धि, सामाजिकता, नीतिप्रवणता, यहाँ तक कि ब्रिटिशपन की प्रवृत्ति जगाने में इन वि० विण ने अधिक योगदान किया. १८५०४६० मं ई० बी० पुसी (?75०४ ) ने जो कुछ बल देकर कहा था, वही यहाँ के जीवन का आदर बना रहा : विश्वविद्यालय का उद्देश्य नैतिक और बौद्धिक अनुशासन प्राप्त करना है. वि० वि० का विशेष कार्य विज्ञान की प्रगति करना या श्राविष्कार करना नही, मानसिक रूप से दार्शनिक विचारधारा उत्पन्न करना नहीं, विश्लेषण की नई पद्धतियों का पता लगाना नहीं, नई औषधि बनाना नहीं है--उनका काम नैतिक, धामिक और बौद्धिक रूप से मानव का विकास करना है. . . .अंग्रेज के बौद्धिक चरित का ढाँचा, पक्का, ठोस, सुदृढ़, विचार- पूर्ण औौर अनुशासित न्याय है, विश्वविद्यालय को बौद्धिक शक्ति गृह (70०7 10786) क़ा रूप देना हमारे लिये बुद्धि-विपयय (एलण्लशगा) से अधिक और कुछ नहीं है. इस प्रकार उन्नीसवीं शती के मध्य तक ब्रिटिश जाति के मत से ज्ञान- वृद्धि का कार्य उनके वि० वि० का नहीं था ! 1. 18126 13 € 001 01310150210 0001175, %1)016 0006 7১815010১ 10 € 1620165 005 00015915102 2]1, 15০01599 11)9 581006 10011010000, 06 11160108109] (01000 ৪3 005 50116.) 01015 ০15111250 ০০৮05, %/1)575 005 09895, ... 15 ০0109700 10700 91006 10810000101] 01 82150102000, 2096 0015 5001005 10 005 लात, जाल ৮15 01759108119 (01160 10039 01901, 105 90০1665, 10 65090701109 300 0৫003 10715115269, ৮০৮ 1000 10100155510108] 60008610105 01 ০%৩0, 01০ धल 80216510665 001 101 91011,-7716 7৫01277% 07117675711) 29.20, 2. वही--पृ० ४८. 3. वही--पु० ४३.




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