हिन्दी के आदि मुद्रित ग्रन्थ | Hindi Ke Aadi Mudrit Granth

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Hindi Ke Aadi Mudrit Granth by कृष्णाचार्य - Krishnachary

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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खिला ह कि तसिप-पोचुगीज्ञ कोशके लिए इग्नेशस एकामेंनी नामक व्यक्तिने तमिष टाइप बनाये थे । तमिप भापाके टाइप चनानेका वास्त- विक इतिहास बारथेंलेम्य जिगेनवत्ग के प्रयत्नोसे शुरू होता है । उसने १७०८ भर १७११ के बोच बाइबिलका तमिष अनुनाद किया ओर हाले तामक समरसे तमिप टाइप बनवायें । आाकारमे बड़े होसेके कारण ये टाइप कासमें नही लाये जा सके । जिंमेनबल्गने पुन निजी प्रयत्न किये । ट्ाक्वेबारके समीप कागजका कारखाना भी बेठाया गया । १७१५ में जिगेनबल्गका यह न्यू टेस्टामेण्टका तमिष अनुवाद बिबलिया उयुस्युल्िया नामसे छपा । इन सब प्रयत्नोके होते हुए भी मद्रासमें प्रेसोका विकास विरोष तजीसे नही हुमा । १८६३ तक मद्रासमे केवल दस सुद्रणालय थे | गोआके प्रेसोकी मुद्रित सामग्री आज बहुत सीमित मात्नासे उपलब्ध हूँ । कहा जाता ह्‌ कि दीपू सुस्तानके आक्रमणोमे यह्‌ सामग्री नष्ट हो गयी । गोआके प्रारम्मिक मुद्रणके सम्बन्थमे गानट महौदयका यह्‌ विचरण द्रष्टव्य ह {1115 ९४४5 001, 50६४८, 60156 16 6856 एण) ॥1€ {51 100 = 10६त 10 1118) ण 10६६ एर 0008115 111 20 एवा 9 {८ {त प्लत एपञतल ग हपामू€) आए 11 25 2. (लाषलपऽ 0णए/ त1€ ज्ि11प8। (जप्एलयतापा 0 1116 (1111512 दि, 0 89 १८ 1.80, 17751 &1610019700 2 (08, (08, 1561 {17€ अपाः ध्व (व्गा€ 0 25 काला एाजाएए 10 {.560, &1त {115 000 9{{्छाऽ {0 06 दाल 016 पि{ 07 716 8 0ार्तष्ुत्‌ 5005 €8नाल्त्‌ एष 0100 च) 016 एाजा8 {10 ज 015 61९८९86 1 18 इल्यः 11 15 पप्रला 10 06 11010€त फ़िर & 060६ 50 70€०7९016€ {07 {116 लला. 8{81665 ॐ 16 [पणिटक्ठा प्च 06 5 €, 0 11१, 11 15 शणप्छुफ्ट७नट 5110110 द्वमिणल्ये [पटल फ) ०068 1101, 85 116 ऽपर १०६५ सशय 116 व्व, [0.६ ८ €515 १. 1685 1600 २ 81118 (3 पात. ३. ¶11€ (वद्र ५1000), (1004, परंघ10001 10809, ( 1955), 9 ६ हिन्दीके भाटि सुद्धित अन्य




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