साहसिक अन्वेषण और प्राचीन सभ्यता | Sahsik Anveshan Aur Prachine Sabhyata
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
37 MB
कुल पष्ठ :
127
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)गोबी की मरुमूमि.............. १५
मरुभूमि के बाहर की आवादियों के निवासी उन प्राचीन
नगरों के अब तक मौजूद होने में पूरा विश्वास रखते हँ ।
किन्तु उनका विश्वास है किं उन नगरों के निवासी साधारण
मनुष्यों से या तो बिल्कुल भिन्न हैं या शारीरिक बन्धनों से
मुक्त आत्माएँ हैं। मरुभूमि की दशा को देखते हुए आज यह
सममना असंभव है कि उस उजाड खंड में वास्तव में कोई
नगर या बस्तियाँ बसी हुई हैं । संभव है कि जो यात्री कभी
इस सुनसान भूखंड में जा पहुँचे हों उन्हें कोई श्रान्ति-जनक
वस्तुएँ दिखाई दी हों और उनको भ्रम हो गया हो । डॉक्टर
स्विन हेडेन को स्वयं एक वार ऐसा ही भ्रम हो गया था । वे
प्यास से अत्यन्त पीडित थे किं इतने में उन्हें एक बडा सुन्दर
स्थान दिखाई पडा और ऐसा जान पडा कि मानों वह एक नदी
के किनारे किसी पुष्प-बाटिका में बैठे हों और शीतल वायु बह
रही हो ।
डॉक्टर स्विन हेडेन ने मरुभूमि के बाहर रहने वाले लोगों
की कहानियों को : सुन कर इस अनुमान पर कायं आरंभ किया
था कि ज़रूर बालू के ढेरों के नीचे बड़े बड़े नगर और प्राम -
दवे पढ़े हैं जिनको खोद निकालने पर मानव सभ्यता के आदिम
रूप पर अच्छा प्रकाश पड सकेगा । उन्होंने कई बार तकला-
माकन की मरुभूमि में यह कह कर प्रवेश किया कि वे एक प्राचीन
राजधानी का पता लगाने जा रहे हैं । एक बार वह मरुभूमि के
मध्यभाग तक पहुँच भी गये थे किन्तु उनके बहुत से साथियों
स
८ पर सयरर कवि त रा विकार
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