युवाओं में मादक द्रव्यों के सेवन की प्रकृति एवं प्रभाव का अध्ययन | Yuvaon Men Madak Dravyon Ke Sevan Ki Prakriti Evm Prabhav Ka Adhyayan

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Yuvaon Men Madak Dravyon Ke Sevan Ki Prakriti Evm Prabhav Ka Adhyayan by धर्मेन्द्र कुमार - Dharmendra Kumar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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में अनैक प्रकार के प्रतिकूल मनौशाव जागुत करता है । परन्तु कुछ द्रव्य सापेक्षिक रूप से घातक तथा व्यसनरहित हीते हैँ ओर ठनमे हानिकारक ` शारीरिकः प्रभाव भी नहीं पाये जाते हैं । ऐसे व्यौ का ठपयौग हेरीौड़न, कोकीन व एल.एस.डी. जैसे अवैध द्रव्यों के उपयोग से तथा शरशब, तम्बाकू, बार्बिट्युरेट व ऐम्फेटामाइन जैसे वैध द्रव्यों के सैवन से शुश्पष्ट विपरीत होता है, क्योंकि यह सक्षी अवैध ओर दुरुपयोग च्छ्यि जाने वाले वैध द्रव्य इनके सेवन करने वाले. व्यक्तियों पर स्पष्ट डानिकारक शाेरिक्छ प्रभाव डालते हे | दव्य दुरूपयोग का अर्थ हे अवैध द्व्य व्छ सेवन तधा वैध द्रव्य का अनुचित प्रयो लिये शारीरिक व मानसिक हानि होती है । इसमें गांजा व हथीश का ध्रूमपान, हेयेडन, क्छोकीन व इल.<स.डी. क्छ शेवन, मारफीन का इंजेक्शन लेना, शराब पीना, आदि सम्मिलित ह । कशभो-कश्ी इसे बुलन्द दुत्त पर हना, 'अमोद यात्रा , व आनन्द्योत्क्छम्प' ओ कहा जाता हे । माभनिसमणणात 'निर्भएता' शारीरिक शी हो सकती है और मानसिक शी । शशरिक्छ निर्धएता द्रव्य _ के बार-बार के सेवन से पैदा होती है जब द्रव्य की उपस्थिति के व्छारण शरे२ अपने क पीडा, ठल्लज्लन, व्यधा व बीमा का सामना कर्ता व्यसन शब्द अधथिकव्छशतः शाशेरिक्छ निर्भरता दश्चतिा है 'शाशेरिक निर्भरता दक वह स्थिति है जिसमे शरीर क्छ अपने कार्य संचालन के लिए द्रव्य का निरंतर सेवन चाहिए'' 1 द्रव्य के बन्द कर देने से शरे२ के कार्य निष्पादन मैं हस्तक्षेप होता है तथा द्रव्य में पाये जाने वाल विटि अनुसार बन्त समायोलित करता हे । परन्तु ङस (द्रव्य) के बन्द क्छ देने से व्यक्ति दर्द तः व्यसन व होने के लक्षण दिख्त्राई देने लगते हैं 1 वंचना कहे प्रति पूर्ण पवो




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