आज की कविता | Aaj Ki Kavita
श्रेणी : काव्य / Poetry
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
242
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)हाल चाल
कंसे हो भाई तुम
जीवन दास ?
आते-जाते यहाँ-वहाँ
रोज़ दिख जात हो
कमे हो, कुशल मगल
राजी-खुशी तो है ?
कसी है राजी वी खासी
मगल के लक्वेमे
क्यातरक्कीदै?
सब ठीव-ठाक तो है ?
बसी है तुम्हारी धुआँ देती
आग उगलती बीवी
वितना आँसू ढरवाती है
वित्तने दिन से बीमार है चूल्हा
रास कहाँ नही है.
जीवन दास
बिसवी सास मे मोर्चा खाई
वबरछुल नहीं वजती
विसकी नीद सम रोटी
बिना वेले नही रह जाती
भाई जीवन दास
जीवन ही एेसा है घर भिरस्यी वा
मुभे मालूम है
तुम कहोगे--सब ठीव-ठाव है.
चल रही है गाडी
लेकिन तुम्हारी हेती
तुम्हारी खडखडिया साइकिल को
User Reviews
No Reviews | Add Yours...