बुध्द और महावीर | Bodh Aur Mahaveer
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
126
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( १३ ) भारत का प्राचीन काल
य म य म १५९५० ०१५८१ नज
से धार्मिक क्रियाओंको किसी जुदीदी नयी भूमिकापर
स्थापन किया जा सके । इस प्रकारके अनेक बिचारकों
के ( महावीरका जमाई जमाली, गोशालक, तिस्सगुपत,
कालाभ, उद्रक आदि-अनुवादक ) चाम हम जानतेदी
हैं। परन्तु इनमेंसे दो ही व्यक्तियोंका नाम प्राचीनं
कालके इस अन्धकारमं पूणं रीतिते प्रकाशित रोता
है। मात्र ये दो व्यक्तियां दही इस प्रकारके धमे
संधी स्थापना फर सकीं कि जो आज पयंन्त श्रखणड
प्रचाइसे चला आता हे । जिसमें इनके विचार और
आचार प्रबल रूपसे काय॑ कर रहे हैं और जिसमें कई
शताब्दियकि व्यतीत हांते हुये भी गद्य एवं पद रूपमें
हजारों साहित्य ग्रथोंकी रचना होती रही है । ये दो पुरुष
अपने स्थापन किये और आज तक जीवित रहे हुये संघ
से और संघक्के द्वारा निर्माण हुये साहित्यसे हम पर
स्पष्ट रुपसे अकाश डाल रहे हैं, और दूर दूरके अन्धकार
में सूयंके समान प्रकाश कर रहे हैं। इन्हींके समय
घार्मिक आन्दोलन करनेवाले दूसरे बिचारकॉंको झाज
हम परोक्ष रुपमें ही जानते हैं । अर्थात् वे मात्र ग्रह स्प
से ही प्रकाश करते हैं ,
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