अन्तर्द्वन्द | Antdwarnd

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Antdwarnd by एन्टन चेख़व - Anton Chekhov

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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“तुम बहुत खराब्र हो; मित्र,” सैमाएलैन्को ने आह भरते हुए कहा, “भगवान ने तुम्हें एक सुन्दर, जवान और सुसंस्कृत युवती दी है श्रौर तम उस वरदान कौ झस्वीकार कर रहे हो जब कि में कितना खुश होता । भगवान मुभे एक ब्रूटी श्रौरतदही दे देता यदि वह केवल स्नेहशील ही होती । मै उसके साथ अपने अंगूर के बागों में रहता आर...” श्रौर एकाएक अपने आपको जैसे रोकते हुए-से सैमाएलैन्को ने कहा, “वह कम्बख्त कम से कम चाय तो बनाकर तैयार रखती ।' ले व्सकी से बिदा लेकर बह मुख्य मार्ग पर चलता रहा । अपने शरीर के बो़-उजन की शान के साथ, चेहरे पर सख्ती का भाव लिए, श्रपनी दुध-सी सफेद पोशाक पर एक रेशमी फीते से व्लादीमीर का पदक लगाए हुए, चमकते हुए जूतों में और सीना ताने हुए जब वह चलता तो स्वयं छ्रपने से बहुत सन्तुष्ट श्रौर प्रसन्न रहता श्रौर उसे एसा लगता मानो सारा संसार मुस्करा रहा है । बिना सिर मोड़े उसने दोनों तरफ दृष्टि फैला कर देखा श्रौर उसे लगा कि यह मार्ग बहुत ढंग से »बना-सजा हुदआ है; कि सनोवर के जवान ब्त, इयूकेलिप्टस श्र बदसूरत, निच्चुड़े हुए से 'पाम” बहुत सुन्दर हैं और समय श्राने पर घनी छाँह देंगे, कि सकैंसियन जाति ईमानदार श्र स्नेहपूर्ण दे । आश्चर्यं है कि लेन्सकी को काकेशिया पसन्द नहीं है,” उसने सोचा, हुत श्राङ्च्यं है / राइफिल लिए, हुए पाँच सिपाही उसे रास्ते में मिले और उन्होंने उसे सलाम किया । सड़क के दाहिनी च्रीर एक स्थानीय अधिकारी की पत्नी शरोर उसके साथ उसका स्कूल जाने वाला बच्चा जा रहे थे । शुड-मा्निं ग, मैस्या कान्सदैटिनोषना, एक . मीठी मुस्कान से सेमाएलैन्को ने पुकारकर कहा; श्राप स्नानकर श्राई १ निकोथिमएलिम्तं- प्रिच से मेरा प्रणाम कदिएगा । श्र उसी तरह सुस्कराते हुए; वह श्ागे बढ़ गया । लेकिन फौजी




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