बौद्ध महातीर्थ | Baudh Mahatirth
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9 MB
कुल पष्ठ :
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)बुद्रगया
विहार प्रदेश में गया रेलवे स्टेशन से ७ मील की दूरी पर बौद्धा का सर्वश्रेष्ठ
तीर्थ-स्थान वुद्धगया अ्रथवा बोध-गया स्थित हैं । प्रत्येक बौद्ध-यात्री अपनी धर्मे-यात्रा
इसी स्थान से श्रारम्भ करता है, क्योकि भगवान् तथागत यहीं वोधि-वृक्ष कं नीचं
“सम्मा सम्बद्ध हए थे। भगवान बुद्ध कं ज्ञान प्राप्त करने कं पूवं तक यह स्थान
उरूवेल अथवा उख्बेला के नाम से प्रसिद्ध था, परन्तु बाद में यह वोधिमंडप के
नाम से प्रसिद्ध हुआ । विद्व कं महान् धर्म-प्रणेता के ज्ञान-प्राप्ति का स्थान होने
के कारण बोध-गया भ्राज केवल बौद्धो काही नहीं ्रपितु विद्व के सभी पुरातत्व
वेत्ताग्नों इतिहासज्ञों एवं विद्वानों की यात्रा का भी स्थान वन गया हे ।
गया विहार प्रदेश में पूर्वी-रेलवे का. प्रमुख स्टेशन हं। यह कलकत्त
से २६२ मील , पटना से ५६ मील, तथा बनारस सं १४० मील की दूरी परदहं।
गया स्टेशन से उतर कर यात्री किसी भी सवारी द्वारा श्रथवा पदल ही निरंजना नदी
क किनारे-किनारे पक्की सडक से चल कर बुद्ध मन्दिर सरलतापूर्वक पहुंच सकते हैं ।
यहां उनके ठहरने के लिए॒ सभी प्रकार की सुविधाएं सुलभ हें। वें मुख्य रूप सं दो
स्थानों , एक महावोध-सभा द्वारा निमित विश्वाम-गृह तथा दूसरा श्री युगल
किशोर विडला द्वारा वनवाये विडला-घर्मगाला मं ठहर सकते ह । इनक
अतिरिक्त एक चीनी धर्मशाला तथा सरकारी डाक-वंगला भी हे, जहां ठ्हरनं क
लिए स्थान सरलता से प्राप्त हो सकता हे ।
भारतवर्ष के बौद्ध क्षेत्रों में बोधगया ही श्रकंला वह स्थान हे † जसका
गौरव यवन एवं ब्रिटिश काल में भी क्षीण नहीं हुआ और बुद्ध जी के समय से झाज
तक ग्रकुण्ण वना रहा । बौद्ध प्रन्थों से ज्ञात होता है. कि भगवान् बुद्ध कं पहले भी
यह स्थान अपनी प्राकृतिक छवि रौर शांत वातावरण कं लिए प्रसिद्ध था श्रौर वहां
झनेक सिद्ध योगी निवास करतें थे। कौडिज्य आदि ब्राह्मण उरूवेल नामक इस
प्राचीन स्थान पर श्राकर पहले से ही यह जानकर निवास करने लगे थं कि इसी
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