निहारिकाएँ | Niharikayein

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Niharikayein by गोरख प्रसाद - Gorakh Prasad

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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उ्योतिपियों के यत्र १३ ० २ है और लव्यम्‌ (धिरियस) की, जो आदद वा सवसरे अधिव चमरीछा तारा हूँ, श्रेणी १६ 1 माउट विलसन ये सौ इचवाले दूरदग ते एक्तीमवौ पेणो तव बै तारो बा पौटो-. प्राफ उत्तर आता हूं । इतिहास--प्राचीन यूनानी स्योतिपी हिंपाकंसा (ठगभग १९०-१२५ई० पू०) ने प्रथम तारा-सूची बनायी थी । उसमें भी दो ज्योतिमय आवाशीय धब्या वा उल्लेख है बोर टॉलमी (लगभग १३८ ई०) ने अपने अलमाजेस्ट नामक पुस्तव में पाँच मेघिल तारों थो सम्मिलित किया था, परतु ये वस्तुएं वास्तविर नौहारिवाएँ न थी । दूरदर्शव से देखते हो स्पष्ट हो जाता हू कि वेतारा-पुज है। हाँ, अरब वे अलसूफी (९०३-९८६) ने अपनी 'स्थिर तारों की पुस्तप” में देवयानी नक्षम्-मरलवाली नीहारिवा का उल्लेख किया है। १५वी शताब्दी में पोर्चूगछ के नाषिक दक्षिण जाया करते थे और वे उने मेघो को जानते े, जिनका माम थव मेगिलन-मेष पदा है । गेठोलियो (१५६४-१६४२) ने दूरदर्शव का आविष्यार १६०९ में विया भौर उसके कुछ ही वर्ष पश्चात्‌ नौहारिकाओ का पता एक-एक करके चलने लगा ! हायगेन्स (१६२९-१६९५) ने मुगव्याथ (ओरायन) नीहारिवा वा प्रथम वर्णन और चित्र सन १६५६ ६० मे दिा। १७१५ में न्यूटन के मित्र हेठी (१६५६-१७४२) ने समवत प्रथम नोहारिवा-सूची बनायी । हुली वही ज्योतिषी था जिसके नाम से हँली पुच्छल तारा प्रसिद्ध हूँ । परतु हुँली की सूची में कुछ ६ 'प्रकाशमय धव्वे और चकतियो' को चर्चा है। इसके बाद पई सूचियाँ छपी और प्रत्येक में पहले से अधिक नीहारिकाओ वा उल्लेख रहता था । फ्रासनिवासी चार्त्स मेसिये ने (१७३०-१८१७) अपनी सूची का, जिसवा उल्लेख पहले विया जा चुका हे, अतिम संस्करण १७८१ में प्रकाशित विया, इसमें १०३ नीहारिवाएँ थी । विलियम हरशेल (१७३८-१८२२) ने यूरेनस का आविष्कार क्या था और फिर उसके लटके जान हरेक (१७९२-१८७१) ने वडे-वडे दूरदर्शको से आकाश की खोज की । बडे हरदोज ने अपने हाथ के चने दूरद्श क से लगभग ढाई हजार नीहारिकाओ का पता लगाया । बह मुगव्याथ (ओरायन) नीहारिका से इतना आाइ्चयचकित और मोहित हो गया था कि उसने अपने जीवन का अधिकाश भाग नीहारिकाओ और युग्म-तारो की खोज में व्यतीत क्या । छोद हरशेल न मौ स्वय अपने हाथ से १८६ च का वढिया दूरदर्शक बनाया और उससे लगमग ५०० नयी नीहारिकाओ का पता लगाया। इगलेड से आकाश का दक्षिणी गोलाधे समूचा दिखायी नही पडता । इसलिए दक्षिणी अफीका में जाकर उसने दक्षिणी नौहारिवाओ का निरोक्षण किया । मंगिलन मेषो बे सूम निरीक्षण के अतिरिक्त उसन लगभग १७०० दक्षिणी नोहारिकाओ की सुची' प्रकाशित की । इस सूचो में वई नीहारिकामो के चित्र भी खीचे गय थ । इगलेड लौटबर उसन अपने देखे और पिता द्वारा आविष्ट्तत नीहारिकाओ की विस्तृत सूची १८६४ में छपाई, जिसमें पाँच हजार नौहारिवाओं मा उल्ठंख था । इसीके आधार पर १८८८ में ड्रायर ने अपनी सची यू जेनरलं कैटरूग आफ नेब्यूली' प्रकाशित की, जिसका उल्लेख आज भी एन० जी० सी० (पर ७0 } कै खक्षिप्त नाम से क्या जाता हूं । इसके दो परिशिप्ट क्रमानुसार १८९५ में भर १९०८ में




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