आधुनिक योरोप | Adhunik Yorop

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Adhunik Yorop by ब्र.न. मेहता - Br. N. Mehata

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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प्राचीन कालीन योरोप ५ स्थापित हुआ । इसका शासन तो श्रच्छा था, परन्तु श्रपनौ स्वतन्त्रता छिन जाने से एथेन्स के निवासी इस शासन को सहन न कर सके । उन्होंने उसकी मृत्यु के बाद उसके पुत्र को पदच्युत कर दिया श्रौर एथेन्स में प्रजातन्त्र स्थापित हो गया । उसका श्राघार बलेस्थनीज ((:161511:017165) का संविधान (५०८ ई० पू०) था । इसके उपरान्त प्रजातन्त्र की उत्तरोत्तर उन्नति होती गई । परन्तु चरम उन्नति को प्राप्त होने के पहिले एथेन्स को फारस के श्राक्मण का मुक़ावला करना पड़ा जिसमें उसे पुर्ण सफलता प्राप्त हुई । फारस का श्रात्मसण--इन्हीं दिनों पब्चिमी एशिया में फारस का महान साम्राज्य था श्रौर सम्राट डेरियस उसका विस्तार कर रहा था । प्चिमी एशिया के भूमघ्यसागरीय तट पर गूनानी उपनिवेश थे जिनको श्रपने सा्राज्य में मिलाने का उसने प्रयत्न किया । उन उपनिवेगो ने विद्रोह कर दिया। एथेन्स को यह श्राशंका हुई कि ठेरियस श्रागे वदृ कर ग्रीस पर्‌भीक्टीं ्राक्रमणन कर वैठे 1 इस कारण उसने यूनानी उपनिवेशों की सहायता को कुछ जहाज भेजे । इस पर क्रुद्ध होकर डेरियस ने एथेन्स पर श्राक्रमण कर दिया श्रौर मेरेर्थान (‰\{218112011) की खाड़ी में श्रषनी विज्ञाल सेना उतार दी । एथेन्स ने स्पार्टा तथा श्रन्य राञ्यों से सहायता मांगी, परन्तु कहीं से सहायता मिलने के पूवं टी एथेन्सवालों ने मेरेथॉन के मंदान में फारसवालों को बुरी तरह से परास्त कर दिया (४६० ई० पू०) । इसके दस वर्ष वाद ४८० ई० पूण में ढेरियस के उत्तराधिकारी ज़रवसीय्र ( 2४८०४ ) ने श्रपने पिता की पराजय का बदला लेने के लिये श्राद्रमण किया । इस वार उसने अल-मा्गं तथा स्थल-मार्ग दोनों से श्राक्रमण किया । जल श्रौर स्थल दोनों पर घोर युद्ध हुए, जिनमें दोनों पक्षों की बहुत क्षति हुई, परन्तु श्रन्त में एन्येन्स श्रौर स्पार्टा की सम्मिलित थाक्ति ने फारसवालों को ऐसा परास्त किया कि उन्होंने फिर कभी यूनान विजय करने की चेप्टा न की । एथेन्स का उत्फर्प--इस विजय के दाद के ५० दर्प व1 समय एथेन्स के चरम उत्कर्ष का काल था । इसमें एथेन्स में पूर्ण प्रजातन्त्र की स्थापना हुई श्रौर कला- साहित्य, विज्ञान एवं दर्यन के क्षेत्र में एघेन्सवालों ने वड़ी उन्नति दी । इस युग के श्रधि- कांड में एथेन्स की वागडोर एक श्रत्यन्त सुयोग्य शासक एवं रःजनीतिज्ञ पेरिवलीजे (एटं८1९४) के हाथों में थी । उसके समय में एथेन्स ग्रीस के बौद्धिक एवं कलात्मक जीवन का केन्द्र श्रौर क्रियाद्मक प्रजातन्त्र का श्रादर्द वन गया । वह स्वयं एथेन्त वो श्हेलास कौ पाठ्डाला' (8८100] ° ८1125) कहता था श्रीौर उसका दावा सत्य ही था । कला, साहित्य, दर्शन, विज्ञान श्रादि के क्षेत्र में एथेन्स ने जितनी उन्नति इन पचास बर्षों में की, उतनी इतने थोड़े से समय में श्राज तक किसी भी देवा ने नहीं की ।* पतन--पेरिवलीज की मृत्यु के वाद ( ४२९६ ई० पू० ) एथेन्स के पतन का # प्रहु : 0097016 एणा ००6, . 48.




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