एशिया में प्रभात | Asia Mein Prabhat

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Asia Mein Prabhat by कल्याणसिंह शेखावत - Kalyan Singh Shekhawat

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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एशिया में प्रभाव “रेट डर पहला प्रकरण एशिया की एकता ( तानीयनसमानता-संघ के अधिवेशन में २९ माच, १९१९ को कः निक टोकियों मे दिया हुआ भापण ) श्माज भापच जो विना जातीय पक्षपात के इस सभा में मेंस स्वागत किया हैं, उसके लिये में छापकों धन्यवाद देता हूँ 1 इस सम्मेलन मे सेरी तथा श्रन्य वादरी मित्रो की उपस्थिति इस यान की सूचना देती है कि यहाँ पर निरी जाति-दितैपिता की चयन्ता कुछ श्मधिक गंभीर भाव मौजूद हैं । इतना दी नहीं, वल्कि जो भाव चिदमान है, वे एशिया-हितैपिता की अपेक्षा भी दबतर हैं । हो पर जातीयता श्रौर्‌ राष्ट्रीयता के उपर मानव-एकना भर समान मानव-लाभ का भाव श्रतन्याप्त है, जो मतुप्यना के नवीन और उच्चतर सिद्धांत पर अवलंबित है । मानव-श्राकाश में इसी भाव का दद्य हो रहा है। यह प्रभात भी ध्न्य प्रभातं की नारे पूव दिशा में ही हो रहा है। एशिया के समन्न मैं इसी




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