हमारे आराध्य | Hamare Aaradhya

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Hamare Aaradhya by बनारसीदास चतुर्वेदी -Banarasidas Chaturvediलक्ष्मीचन्द्र जैन - Laxmichandra jain

लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :

बनारसीदास चतुर्वेदी -Banarasidas Chaturvedi

No Information available about बनारसीदास चतुर्वेदी -Banarasidas Chaturvedi

Add Infomation AboutBanarasidas Chaturvedi

लक्ष्मीचन्द्र जैन - Laxmichandra jain

No Information available about लक्ष्मीचन्द्र जैन - Laxmichandra jain

Add Infomation AboutLaxmichandra jain

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
सहाप्राण माइकेल बाकूनिन ३ भ्रधिक-से-भ्रधिक दड देनेमे श्रपना सौभाग्य समर्भेगी । वदे रसेलने श्रपनी पुस्तकमें वाकूनिनका जीवन-चरित लिखते हुए ये शब्द कहे ह-- ष्योतठक 0९४ & 1008 06०6 0 तपएञ०पाल८ पण पाए एएंध005 207. धपं0प5 00प्रणतं65, = पण फ 867६६०6९ ६० ६९६ 00 पट 14र्फा 0 ष्णश्च 1850, गणः 5 ऽता ऋऽ (गणपणपटत स्थिः ९८ 0000 206 96 स तलात्‌ क ४० 6 पप, सित) लृत्‌ ८०९ एता ९६४ ण एणणा्जणह पि. € ऊपडघंबए5, 79 पाः प्ण, ल्णा- वलात्‌ त) (0. तह का. फिर, 1851 अत हवा 055 ऽणद1९6 5 (त0ापपषटवं ८० पपएफऽ०्णणलण 0४ ९, 19 ११८ (पऽण 75005 16 09 लल 09 19065 90 {6९६ त 0 006 ग पलप € कऽ €दण तीदपल्वं ४८० पाल कभा छि ५6 एल [ (काह 8605 ८0 &ए८ एन्य 0०८ एत्८णीशः एि्वप्ाह ८० 96 वदरत 0 पाट एणकजणतछ६ म एव, {णद पट हण्ड 0 10 ४5 पणा तदा०१९त [प ण ४०८ 4 पऽप्2०5) 00 तंलापएलल्व [पण ए. 10 रिण 0६ 98 6078060 तऽ 10 ४0€ ए€्टः अत एवण ईम ६७ऽ पत पल 39 ऽतण्ठञल्‌भ्णिहु भर्थात्‌--”इसके वाद बाकूनिनके जीवनमें एक ऐसे युगका प्रारम्भ हुमा, जिसमें उन्हे विभिन्न देशोके कितने ही जेलखानोमे लम्बे-लम्बे समय तक रहना पड़ा। १४ जनवरी सन्‌ १८५०को जर्मन सरकारने उन्हे फासीका हुक्म दिया था, पर पाच महीने वाद यह सका काट दी गई भ्रौर जर्मन सरकारने वाकूनिनको भ्रास्टरियन सरकारके सुपुदं कर दिया । भ्रास्टरियन सरकार नाकूनिनको दड देनेके लिए पहलेसे ही तुली वटी थी भ्रौर उसने मई सन्‌ १८५१मे बाकूनिनको फॉसीका हुक्म दिया । पीछे यह सजा आजीवन जेलखानेके रूपमे वदल दी गई। श्रास्ट्रियन जेलखानोसे




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now