राजा राममोहनराय | Raja Rammohanray
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
132
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)राजा रासमोहनराय
8६९01180 € पपाष् 500 0९०01 611618-
, शा 04 ध इण्ट एलप् 8ण्व पो ताड पणाय
` 1019 (छा 1680 ६० टाथ 9९908, के
छर्थात् ईशोपनिपत् से प्रतिपादित होता है कि परत्रह्म
एक और अज्ञेय दै और केवल उसी की उपासना से नित्यं
द्मानन्द की प्राप्ति हो सकती है ।
इसी की भूमिका पढ़िये :--
¶ृ]€ 1008 1681706 प्$ 889 80108, 700 118 01६
जी पा ०९५४६ ५8६ भा ध€ ९६8 07 ४16 ४९५,
१६0) 016 ९01860६, 06 001 दि ताजा 0 ५०४४
€+ 70 18 0 ०६ ४6€ 76801 0 ९णा1102206118107,
, 810 ०६४० भा ०६8लएपं० ,,,..०.... ४18 उदा,
7070 ४१०६8 8 प्ण प्लह, ४१४६ 8016 768घ18601' 05
‰16€ पा1१९186 18 ४६ 016, 110 13 गणाां01 68671, {87
01088877 गाः 90678 0 60101611608100 ; २००१९
62४९7191 86756 ; 900 17086 00०४8112 18 € 601
३ चह उद्धरण. 28151) ५०1७5 2 ९88 रिण) [4० ९४
४ {1. ©, ऽध, एाशयाो9 ऽना] (टोषाक्षा (गीती,
1928 से लिये गये हैं ।
तेर
User Reviews
No Reviews | Add Yours...