बिबाहबिडम्वन नाटक | Bibahbidamvan Natak

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Bibahbidamvan Natak by बाबू तोता राम वर्मा - Babu Tota Ram Verma

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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विवाई विडेवन नाटक ॥ राने की कोई बात नहीं है कोई चढ़ी बंरात तो ठौठा य न देगो या उमर में सैकड़ो सगाई करडालीं अपने '. से सतठव कोई पछें बकाकरो ॥ - ' सां०-प्रोहित जी इसको क्या करेंगे विधिभी अंच्छी नहीं लड़कीं मंगठी है । और लड़का मंगठी हे नहीं ॥ दे चिन्ता *-न सही ठड़का मेंगली मंगठी होनेंगें कितनी देरठगे है ठड़की को जन्म पत्र छिये चलिये अरगें मैंने जानी देखतो तेरे पास ठड़का ठड़की के ट्वा की नकृठदे ॥ दाथ डाउकर) अरे मेंतो जात घर रदगई | दोड़कर छे आऊँ ॥ (ने पथ्य में ) खेती का जन्म पत्र देख रखना में ठेटकर अभी आता हूँ (दोनों कान ठगाकर) हमतों जाने खेती के चाचा वाहर आते हैं । सामनता वढ़कर देखतो (सामन्ता झांककर देखता है हां आगे आये) ॥ रत* -(भांगे आकर) कहो पुरोहितजी अब के कहांर.रहे ॥ चिन्ता*-हमसे आप पुछते हैं कहां रहे अपनी कहिये तीन, चार महीने से नित फिरर जाते हैं आज. दशेन हुए हैं अब के-दिप्तावर में बहुत दिन ढगाये.॥ ,




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