बर्फ का संसार | Barf Ka Sansar
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
18 MB
कुल पष्ठ :
110
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)१६ बफ का संसार
वापस लौटना पड़ा । सन् १६६२ मे मेजर डियास के नेतृत्व में दूसरा
भारतीय दल २७,९०० फुट की ऊँचाई तक पहुँच गया । यह पवंतारोही
दल प्रतिक्ल मौसम के विरुद्ध संघ करता रहा । शिखर पर पहुँचने के
लिए श्रवसर की प्रतीक्षा में उसे तीन रात लगभग श्रट्टाइस हज़ार की
पंचाई पर बितानी पड़ीं । विश्व के पवेतारोहण के इतिहास मे यह् श्रभूत-
पूवं श्रनुभव हे ।
हिमालय के अचे शिखरो पर श्रारोहण के साथ-साथ श्रव करतु, भ्रुः .
विज्ञान तथा मानवीय व्यवहार-उपचार सम्बन्धी बातो पर भी ध्यान दिया
जाने लगा है । इसी उदेश्य के हतु सन् १९६३ मे एवरेस्ट श्रारोहण करने
वाले तीन श्रमरीकौ पवंतारोही दलों को शिखर तक पहुंचने की भी सफलता
प्राप्त हुई है । पहले दल में जेग्स विटाकर श्रौर तेनजिंग के भतीजे शेरपा
नावांग गोम्द्ू थे । दूसरे में बरी विशप श्रौर लूथर जसंटेड । तीसरे दल के
विलियम अ्रनसोल्ड ग्रौर होनेविन को २२ मई के दिन पहली बार पश्चिमी
रिजिमागंसे संसारके इस सर्वोच्च शिखर पर चद्नेका महान श्रेय
श्राप्त हुश्रा।
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